केंद्र सरकार रोजगार के मुद्दे पर जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रही है। आने वाले कुछ दिनों में केंद्र सरकार के अंतर्गत करीब 10 लाख पदों पर नियुक्ति के लिए बड़ा अभियान शुरू होने वाला है। इस संबंध में कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा ने सभी मंत्रालयों को पत्र भेजकर सभी रिक्तियों पर जल्द से जल्द नियुक्ति करने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों के लिए जो प्राथमिकताएं तय की हैं, उनमें एक बड़ी प्राथमिकता खाली पड़े पदों पर नियुक्ति करने की भी है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक 01 मार्च 2021 तक केंद्र के तहत होने वाली नियुक्तियों के कुल पदों में लगभग 10 लाख पद रिक्त पड़े थे। संसद में बताया गया था कि देश में केंद्र द्वारा मंजूर पदों की संख्या 40.35 लाख थी। इनमें से 30.55 लाख पदों पर लोग काम कर रहे थे, जबकि शेष करीब 10 लाख पद रिक्त पड़े थे। केंद्र सरकार के जवाब से साफ है कि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर पदों में करीब 25 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में अब केंद्र सरकार एक निश्चित समय सीमा में सभी रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरना चाहती है।
जानकारों का कहना है कि सितंबर की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग में सभी रिक्तियों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर भरने के बारे में फैसला लिया गया था। कैबिनेट के इसी फैसले के तहत कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने सभी मंत्रालयों के सचिवों को पत्र भेजा है। बताया जा रहा है कि इस पत्र में सरकार की प्राथमिकता में शामिल कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है।
राजीव गाबा के पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सभी रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरने का फैसला किया है। इसलिए करीब दस लाख रिक्त पदों पर सीधी भर्ती या प्रमोशन के जरिए रिक्तियों को भरने के लिए सभी मंत्रालयों को अपॉइंटमेंट कैलेंडर बना लेना चाहिए, ताकि एक तय समय सीमा के अंदर सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति की जा सके। राजीव गाबा के पत्र में साफ किया गया है कि रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को निश्चित समयावधि में पूरा करने के लिए सभी मंत्रालयों को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) से सलाह करके आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इसके साथ ही रिक्त पदों पर होने वाली नियुक्ति के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के काम में भी सभी मंत्रालयों को डीओपीटी के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि लंबे समय से विपक्ष केंद्र सरकार को रोजगार के मुद्दे पर घेरता रहा है। दूसरी ओर पदों की मंजूरी के बावजूद करीब 75 प्रतिशत कार्यशक्ति के साथ काम करने की वजह से केंद्र सरकार की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ रहा है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर इन रिक्तियों को भरने का फैसला लिया है, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल सके और केंद्र के अलग-अलग विभागों या मंत्रालयों में वर्कलोड भी कम किया जा सके। ऐसा होने से अलग-अलग विभागों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
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