भारत के आगे नरम पड़ा अमेरिका, एस-400 मिसाइल प्रणाली पर दबंग भी दंग

काट्सा कानून के तहत अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध लगाता है, जो देश ईरान, उत्तरी कोरिया या रूस के साथ व्यापार करते हैं। इस कानून से अमेरिका अपने विरोधी देशों से हथियार खरीदने के खिलाफ पाबंदियों का ऐलान करता है।

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यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस के साथ व्यापार करना अमेरिका को रास नहीं आता है। भारत के मामले में ये स्थितियां बदलती नजर आ रही हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा से मिली मंजूरी के बाद अब अमेरिका को भारत के रूस से हथियार खरीदने पर आपत्ति नहीं है। भारत को अमेरिका के काट्सा कानून के तहत पाबंदियों से छूट मिल गयी है।

काट्सा कानून के तहत अमेरिका उन देशों पर प्रतिबंध लगाता है, जो देश ईरान, उत्तरी कोरिया या रूस के साथ व्यापार करते हैं। इस कानून से अमेरिका अपने विरोधी देशों से हथियार खरीदने के खिलाफ पाबंदियों का ऐलान करता है। भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिका काट्सा के तहत पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा था। इस पर अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भारत को काट्सा कानून से जुड़ी पाबंदियों से छूट देने की मांग की थी। इस मामले में भारत का पक्ष लेते हुए रो खन्ना ने कहा था कि भारत को अपनी रक्षा जरूरतों के लिए भारी रूसी हथियार प्रणालियों की जरूरत है। इसलिए भारत को काट्सा के तहत प्रतिबंधों में छूट दी जाए।

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इसके बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद यह तय हो गया है कि अब अमेरिकी सांसदों को भारत द्वारा रूस से हथियार खरीदने पर कोई आपत्ति नहीं है। इस संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान रो खन्ना ने कहा कि यह संशोधन अत्यधिक महत्वपूर्ण है और उन्हें यह देखकर गर्व हुआ कि इसे दोनों दलों (डेमोक्रेट्स एवं रिपब्लिकन) के समर्थन से पारित किया गया है। अमेरिका-भारत भागीदारी से ज्यादा महत्वपूर्ण अमेरिका के रणनीतिक हित में और कुछ भी इतना जरूरी नहीं है।

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