अमेरिका ने यूक्रेन के समर्थन में रूस के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है। इसमें रूस के राजनयिकों पर कार्रवाई, रूस में नीर्मित उत्पादों का बहिष्कार समेत कई कदम है। जिससे कूटनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर रूस को युद्ध रोकने के लिए बाध्य किया जा सके।
यूक्रेन पर हमले के विरोध में नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) समेत कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें अमेेरिका ने अपने देश में रूस के उत्पादों, राजनयिकों पर प्रतिबंध लगा दिये हैं।
रूसी राजनयिकों को निकाला – अमेरिका ने बड़ी कूटनीतिक कार्रवाई करते हुए अमेरिका में तैनात रूस के 12 राजनयिकों को देश से निकाल दिया है। ये सभी राजनयिक संयुक्त राष्ट्र में तैनात थे। रूस की ओर से अमेरिकी कार्रवाई को शत्रुतापूर्ण कहा गया है।
अमेरिका और समर्थक देश देंगे हथियार – यूक्रेन को अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, एस्तोनिया, स्वीडन और फिनलैंड हथियार देंगे। इनमें यूक्रेन को अमेरिका और जर्मनी हेलीकॉप्टर और मार गिराने वाले स्टिंगर मिसाइल की आपूर्ति करेंगे। अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंगर मिसाइल की सीधी आपूर्ति करने को मंजूरी दे दी है। व्हाइट हाउस से यह मंजूरी स्वीकृत पैकेज के हिस्से में पहली बार दी गयी है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह रूसी हमले के खिलाफ यूक्रेन की मदद करने के लिए घातक सैन्य हथियार मुहैया कराएगा। स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट ने बताया कि यूक्रेन की सेना की मदद के लिए 5,000 टैंक रोधी हथियार, 5,000 हेलमेट और 5,000 रक्षा कवच भेजे जाएंगे। फिनलैंड ने भी दो आपातकालीन चिकित्सा देखभाल केंद्रों के लिए उपकरण, 2,000 हेलमेट, 2,000 बुलेटप्रूफ जैकेट और 100 स्ट्रेचर भेजने की घोषणा की है।
रूसी वोडका पर प्रतिबंध – अमेरिका के करीब एक दर्जन राज्यों, विशेषकर टेक्सास, ओहायो, न्यू हैंप्शायर, ऊटा और पेंसेलवेनिया ने लीकर विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने अपने स्टोर शेल्फ़ से रूसी लीकर ब्राण्ड ‘वॉड्का’ को बाहर कर दें।
अमेरिका ने भेजा लड़ाकू विमान – अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की ओर से यूक्रेन-रूस युद्ध विवाद में आण्विक हथियारों से सचेत रहने की तैयारी सम्बन्धी कथन की तीखी निंदा की है। इसके साथ ही अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 विमानों की एक अग्रिम टुकड़ी रोमानिया पहुंच गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार यह टुकड़ी अमेरिकी लड़ाकू विमानों की 34 फाइटर स्क्वाड्रन का एक हिस्सा हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा में तैनात यूरोपीय समुदाय सहित अन्यान्य देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिल कर काम करेगी।
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