सुरक्षा परिषद में भारत ने जैविक हथियारों को लेकर जताई चिंता, दी ये सलाह

उन्होंने कहा कि नई व उभरती प्रौद्योगिकी डब्ल्यूएमडी तक आतंकी व गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त समूहों की पहुंच के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

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भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में सलाहकार ए. अमरनाथ ने जैविक एजेंट व रसायनों के बतौर हथियार दुरुपयोग के बढ़ते खतरे को लेकर पूरी दुनिया को सतर्क किया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों व सरकार से इतर तत्वों की सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) तक पहुंच से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

परमाणु, रासायनिक व जैविक हथियारों के प्रसार पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1540 समिति के खुले परामर्श सत्र में अमरनाथ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन हथियारों के दुरुपयोग के तेजी से बढ़ते खतरे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई व उभरती प्रौद्योगिकी डब्ल्यूएमडी तक आतंकी व गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त समूहों की पहुंच के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

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अमरनाथ ने कहा कि आतंकी व अपराधी समूहों के पास मिसाइल व मानव रहित विमानों की उपलब्धता ने डब्ल्यूएमडी के उपयोग के जरिये आतंकी वारदातों के खतरों को बढ़ा दिया है। इसी तरह, कोरोनाकाल में रसायन व जीव विज्ञान में प्रगति के साथ जैविक एजेंट व रसायनों का हथियारों के रूप में दुरुपयोग का जोखिम भी बढ़ गया है। इनपर विचार-विमर्श करने व समिति द्वारा सदस्य राष्ट्रों की मदद का रास्ता तलाशने के लिए यह खुला परामर्श एक उपयोगी मंच होगा।

अमरनाथ ने कहा कि वैश्विक अप्रसार के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ भारत ने संकल्प 1540 के प्रविधानों को लागू करने के वास्ते एक मजबूत कानून आधारित राष्ट्रीय प्रणाली स्थापित की है। हमारा देश गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त समूहों को डब्ल्यूएमडी हासिल करने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए), निरस्त्रीकरण मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीए) जैसे अन्य प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र निकायों व यूएनएससी की आतंकरोधी समितियों जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ 1540 समिति के बढ़ते सहयोग तथा समन्वय का भी समर्थन करता है।

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