ये हैं विश्व की 10 सबसे शक्तिशाली नौसेनाएं! जानिये, कितने नंबर पर है भारत

दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनके पास सेना नाम की कोई चीज नहीं होती और वहां की पुलिस ही सेना का भी काम करती है। लेकिन विश्व के शक्तिशाली देशों के पास शक्तिशाली सेना भी होती है।

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विश्व के सभी देशों के लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है। सभी देश अपने जल, थल और वायु मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह की उपाय करते हैं। हालांकि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनके पास सेना नाम की कोई चीज नहीं होती और वहां की पुलिस ही सेना का भी काम करती है। लेकिन विश्व के शक्तिशाली देशों के पास शक्तिशाली सेना भी होती है। फिलहाल हम बात नौसेना की कर रहे हैं। देश के जल मार्ग को सुरक्षित रखना और इस मार्ग से हमला करने वाले शत्रुओं को करारा जवाब देने की जिम्मेदारी इस सेना की होती है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की कई बड़ी जिम्मेदारी नौसेना निभाती है।

आइए हम यहां जानते हैं, उन 10 देशों के बारे में, जिनके पास है, सबसे शक्तिशाली नौसेना

अमेरिका
अमेरिका को महाशक्ति माना जाता है। इस लिहाज से उसकी नौसेना विश्व से सबसे शक्तिशाली मानी जाती है। इसकी स्थापना 27 मार्च 1794 में की गई थी। वर्जिनिया के अर्लिंग्टन काउंटी में स्थित पेंटागन में इसका मुख्य कार्यालय है। अमेरिकी नौसेना में तीन लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जबकि 600 से अधिक एयरक्राफ्ट हैं। इसके साथ ही 537 से अधिक जहाज, 19 रीप्लेनिशमेंट शिप, 79 सबमरीन, 36 माइन काउंटर मेजर बोट्स 17 गन बोट्स, 94 सबमरीन चेसर्स, 109 मिसाइल बोट्स, 72 कार्वेट्स, 49 फ्रिगेट्स, 50 डेस्ट्रॉयर, 22 लैंडिंग शिप मीडियम, 32 लैंडिंग शिप टैंक्स मौजूद हैं। इसके पास दो एयरक्राफ्ट, तीन फ्लीट- द नॉर्थ सी फ्लीट, ईस्ट शी फ्लीट और साउथ सी फ्लीट हैं

चीन
चीन की नौसेना विश्व की दूसरे नंबर की सबसे शक्तिशाली है। चीन ने 23 अप्रैल 1949 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की स्थापना की थी। इस नौसेना के पास 3 लाख से अधिक कर्मचारी और लगभग 600 एयरक्राफ्ट हैं। इसके साथ ही 537 से अधिक जहाज, 19 रीप्लेनिशमेंट शिप, 79 सबमरीन, 36 माइन काउंटर मेजर बोट, 17 गन बोट्स, 94 सबमरीन चेसर्स, 109 मिसाइल बोट्स, 72 कार्बोट्स, 49 फ्रिगेट्स, 50 डेस्ट्रॉयर, 22 लैंडिंग शिप मीडियम, 32 लैंडिंग शिप टैंक्स मौजूद हैं। इसके साथ ही दो एयरक्राफ्ट करियर और तीन फ्लीट भी हैं।

रूस
रूस की नौसेना की स्थापना 1969 में की गई। यह विश्व की तीसरे नंबर की सबसे शक्तिशाली नौसेना मानी जाती है। इसका मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित है। इसका मुख्य काम सीलिफ्ट, सी डिनायल, नेवल वॉरफेयर, मरीन सिक्योरिटी है। रूस की नौसेना में लगभग 1.70 लाख स्टाफ हैं। 359 एयरक्राफ्ट, 1 एयरक्राफ्ट करियर, 42 पेट्रोल बोट्स, 3 पेट्रोल शिप्स, 15 स्पेशल पर्पस शिप, 32 लैंडिंग क्राफ्ट, 28 लैंडिंग शिप टैक्स, 92 कॉर्वेट्स, 26 फ्रिगेट्स, 16 डेस्ट्रॉयर्स, 3 क्रूजर्स और 3 बैटल क्रूजर्स शामिल हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान हाल ही में यूक्रेन ने रूस की एक युद्धपोत को मिसाइल से हमला कर डूबो दिया।

रॉयल नेवी, इंग्लैंड
यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन की नौसेना विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली नौसेना है। यह विश्व की सबसे पुरानी नौसेनाओं में शामिल है। इसके पास 80 कमीशंड शिप्स, 174 एयरक्राफ्ट्स, 1 आइस पेट्रोल शिप, 4 सर्वे शिप, 18 फास्ट पेट्रोल बोट, 12 माइन काउंटरमेजर्स वेसल, 8 ऑफशोर पेट्रोल वेसल, 13 फ्रिगेट्स, 6 डेस्ट्रॉयर्स, 2 एंफीबियस ट्रांसपोर्ट डॉक्स, 11 सबमरीन, 2 एयरक्राफ्ट करियर और 1 जंगी जहाज मौजूद है।

जापान
जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स की स्थापना 1 जुलाई 1954 में हुई थी। इसके पास 50 हजार से अधिक जवान और 350 से अधिक एयरक्राफ्ट हैं। इसके साथ ही 8 ट्रेनिंग शिप, 6 पेट्रोल बोट, 30 माइन स्वीपर्स, 3 लैंडिंग शिप्स, 6 डेस्ट्रॉयर्स एस्कॉर्ट, 10 फ्रिगेट, 4 हेलीकॉप्टर करियर और 19 सबमरीन हैं।

फ्रांसीसी नौसना
फ्रांसीसी नौसेना की स्थापना 1624 में हुई। इसमें छह भाग हैंः मैरीटाइम गेंडामेरी, मार्सील नेवल फायर बटालियन, नेवी राइफलमैन, फ्रेंट नेवल एविएशन, सबमरीन फोर्सेस और नेवल एक्शन फोर्स हैं। फ्रांस की नौसेना विश्व की सबसे पुरानी नौसेनाओं में से एक है। फ्रेंच कोलोनियल एंपायर के बाद 400 वर्षों तक इस सेना ने कई देशों पर शासन किया। वर्तमान में फ्रांस के पास 44 हजार जवान, सात हजार सिविलियन और 37 हजार स्टाफ हैं। इसके साथ ही फ्रांस की नौसेना में 200 एयक्राफ्ट, 180 से अधिक जंगी जहाज और 6 कमांडो यूनिट्स हैं।

भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी। भारतीय नौसेना का प्रमुख देश के राष्ट्रपति को माना जाता है। इसके पास 75 हजार रिजर्व और करीब 70 हजार सक्रिय स्टाफ हैं। इसके साथ ही 300 एयरक्राफ्ट, 150 जहाज और सबमरीन हैं। इसके आलावा 1 बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन, 1 न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन, 14 फ्रिगेट्स, 10 डेस्ट्रॉयर्स, 8 लैंडिंग शिप टैंक्स, 1 एंफिबिसय ट्रांसपोर्ट डॉक, 2 एयरक्राफ्ट करियर मौजूद हैं। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के पास कई पेट्रोल बोट्स भी हैं। इसका उद्देश्य परमाणु युद्ध रोकने, सीलिफ्ट, फोर्स प्रोजेक्शन और नेवल वॉरफेयर करना है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और गुजरात के सेंटर एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, मेंटनेंस सपोर्ट्स, मार्कोस बेस, एयर स्टेशन फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, सबमरीन और मिसाइल बोट बेस आदि पर काम करते हैं।

रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी
रिपब्लिक ऑफस कोरिया नेवी की स्थापना 11 नवंबर 1945 को हुई। इसके पास 70 हजार जवान, 70 एयरक्राफ्ट, 150 शिप्स, 20 ऑक्सीलरी शिप, 11 माइन वॉरफेयर शिप, 14 एंफिबियस वॉरफेयर शिप, 64 पेट्रोल वेसल, 11 कार्वेट्स, 12 फ्रिगेट्स, 11 डेस्ट्रॉयर्स और 18 सबमरीन हैं।

इटैलियन नौसेना
इटली की नौसेना की स्थापना 1861 में हुई थी। इसका मुख्य काम नेवल वॉरफेयर है। इसके सात भाग हैं, जबकि इसके पास 31 हजार से अधिक जवान, 70 एयरक्राफ्ट, 184 वेसल, 8 अटैक सबमरीन, 13 फ्रिगेट, 4 डेस्ट्रॉयर्स, 3 एंफिबियस असॉल्ट शिप, 2 लाइट एयक्राफ्ट करियर, 4 कोस्टल पेट्रोल बोट्स, 10 माइस काउंटरमेजर्स वेसल्स और 10 ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स मौजूद हैं।

ताइवानी नौसेना
1924 तक ताइवान की नौसेना रिपब्लिक ऑफ चाइना नेवी का हिस्सा थी। लेकिन बाद में यह पूरी तरह अलग हो गई। ताइवानी नौसेना के पास 38 हजार जवान, 28 एयरक्राफ्ट, 117 शिप, 12 पेट्रोल शिप, 1 कार्वेट, 4 सबमरीन, 31 मिसाइल बोट, 20 फ्रिगेट्स, 4 डेस्ट्रॉयर्स और 10 ऑक्सीलरीज मौजूद हैं।

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