आकाश में भी चीन की आफत

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बदलते वक्त में दुनिया के सभी देश अपने पास विश्व के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान रखना चाहते हैं। क्योंकि दुनिया के कई देश भले ही परमाणु हथियार संपन्न हैं, लेकिन परमाणु युद्ध की संभावना न के बराबर है, लेकिन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल लड़ाई के आलावा कई अन्य कामों के लिए भी किया जा सकता है। इससे सीमा की निगरानी के साथ ही दुश्मन देशों को अपनी ताकत दिखाने के लिए भी किया जा सकता है।
फिलहाल फ्रांस ने भारत को 8 राफेल विमानों की डिलीवरी कर दी है, जबकि 28 विमानों की डिलीवरी अभी बाकी है। अब अपने देश के साथ विश्व के अन्य देश भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर राफेल के आने के बाद चीन के मुकाबले हमारी ताकत कितनी है, कम है या ज्यादा है। चीन के पास राफेल की तुलना में कौन-सा लड़ाकू विमान है?

भारत के राफेल के मुकाबले चीन के पास जे-20 अति आधुनिक लड़ाकू विमान है। हम दोनों की तुलना कर देखते हैं कि आखिर दोनों में कौन बेहतर हैः

  • निर्माता देशः राफेल को फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने निर्मित किया है, जबकि जे 20 का निर्माण चीन में ही किया गया है
  • इंजन और सीटः राफेल में 2 इंजन, सिंगल/ डबल सीट है, जबकि जे 20 में 2 इंजन, सिंगल सीट है
  • स्पीडः राफेल की अधीकतम स्पीड 22222 किमी. प्रति घंटा है, जबकि जे 20 की स्पीड 2100 किमी प्रति घंटा है
  • पीढ़ीः राफेल 4.5 वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जबकि जे 20 -5वीं पीढ़ी का विमान है
  • आकारः राफेल की ऊंचाई-5.30 मीटर, जबकि जे-20 की ऊंचाई- 4.45 मीटर है।
  • लंबाईः राफेल की लंबाई 15.30 मीटर है, जबकि जे 20 की लंबाई- 20.4 मीटर है।
  • विंगस्पैनः राफेल का विंगस्पैन- 10.90 मीटर है, जबकि जे 20 का विंगस्पैन- 12.88 से 13.50 मीटर है
  • मिसाइल तैनातः राफेल में मीटियोर मिसाइल 150 किमी, स्कैल्प मिसाइल 300 किमी तक मार सकती है, जबकि एचएएमएमआर मिसाइल भी लगाई जा सकती है। जबकि जे 20 में पीएल-15 मिसाइलें 300 किमी तक और पीएल-21 मिसाइल 400 किमी तक मार कर सकती है।
  • ऊंचाईः राफेल की ऊंचाई पर पहुंचने की कैपेसिटी- 300 मीटर प्रति सेकेंड है, जबकि जे 20 की कैपेसिटी 304 मीटर प्रति सेकेंड है
  • अधिकतम ऊंचाईः राफेल की अधिकतम ऊंचाई की क्षमता 50, 000 फीट तक है, जबकि जे 20 की क्षमता 65600 फीट तक है।
  • वजन कैरी करने की क्षमताः राफेल की वजन कैरी करने की कैपेसिटी- 24500 किलो है, जबकि जे-20 की क्षमता 37000 किलो है।
  • कॉम्बैट रेडियमः राफेल की कॉम्बैट रेडियम 3700 किमी है, जबकि जे20 की 3400 किमी है।

राफेल है जे-20 से बेहतर
इस तुलनात्मक अध्ययन को देखकर कहा जा सकता है कि कई मामलों में राफेल चीन के जे-20 से बेहतर है। राफेल के साथ ही भारतीय वायुसेना के पास अपाचे हेलिकॉप्टर और मिग 29 जैसे लड़ाकू विमान मौजूद हैं, जो हमारी वायुसेना को चीन के मुकाबले बीस साबित बनाते हैं।

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