एक्शन में केंद्र सरकार, लिया ऐसा निर्णय! क्या कश्मीर में होगा आतंक का अंत?

जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अब तक 112 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 135 पकड़े गए हैं और दो ने सरेंडर किया है। इसके बावजूद वे जान हथेली पर लेकर टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं।

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जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। सरकार की तमाम रणनीति और कोशिशों के बावजूद आतंकी जान हथेली पर लेकर इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। वह जम्मू-कश्मीर में पांच और सीआरपीएफ की कंपनियां तैनात करेगी। इसे एक हफ्ते के भीतर अमली जामा पहना दिया जाएगा।

दो दिन में दो आतंकी वारदात
बता दें कि 8 नवंबर को घाटी में पुराने श्रीनगर के बोहरी कदल क्षेत्र में एक कश्मीरी पंडित की दुकान पर सेल्समैन का काम करने वाले एक व्यक्ति को आंतकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इससे पहले 7 नवंबर को श्रीनगर के बटमालू इलाके में आतंकवादियों द्वारा एक पुलिसवाले को निशाना बनाया गया था। दो दिन में इन दो आतंकी वारदातों ने सरकार को आतंकियों से निपटने की अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करने के लिए बाध्य कर दिया। उसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

सीआरपीएफ ने दी जानकारी
सीआरपीएफ की ओर से जानकारी दी गई है कि टारगेट किलिंग से निपटने के लिए केंद्र सरकार सीआरपीएफ की पांच और कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेज रही है। एक हफ्ते के अंदर इन कंपनियों को तैनात कर दिया जाएगा। इससे पहले भी इस केंद्र शासित प्रदेश में 25 सीआरपीएफ की कंपनियों को तैनात किया गया था।

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आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट के हाथ होने का आशंका
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 7 नवंबर को हुतात्मा हुए पुलिसकर्मी का नाम मोहम्मद इब्राहिम खान था, जबकि दुकान पर सेल्समैन का काम करने वाले मारे गए कश्मीरी पंडित का नाम डॉ. संदीप मावा था। इन वारदातों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट के हाथ होने का आशंका है।

अब तक ठोके गए 112 आतंकी
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अब तक 112 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 135 पकड़े गए हैं और दो ने सरेंडर किया है।

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