दुश्मनों के लिए यमराज है ब्रह्मोस

ब्रह्मोस ऐसी ही सपुरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसलिए तो इसे दुश्मनों के लिए यमराज कहा जाता है। यह 21 वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है।

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भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी पैदल सेना है, जिसमें एक से एक खतरनाक हथियार शामिल हैं। हमारी तीनों सेनाओं के बेड़े में ऐसी-ऐसी मिसाइलें हैं, जो दुश्मनों को संभलने का मौका तक नहीं देती। जब तक दुश्मन अपना डिफेंस सिस्टम तैयार करता है, तब तक ये मिसाइलें उनका काम तमाम कर देती हैं। ब्रह्मोस ऐसी ही सपुरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसलिए तो इसे दुश्मनों के लिए यमराज कहा जाता है। यह 21 वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है।

ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
24 नंवबर, सुबह 10 बजे का समय भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से जमीन पर वार करनेवाली ब्रह्मोस सुपसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान मिसाइल ने सीधे अपने टारगेट को मार गिराया। इसका टार्गेट दूसरे द्वीप पर था। इससे पहले इसी महीने भारत ने बालासोर में क्विट रिएक्शन मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।

खास बातें

  • इस परीक्षण को भारतीय सेना द्वारा किया गया। डीआरडीओ द्वारा बनाए गए मिसाइल सिस्टम बहुत से रेजीमेंट में शामिल किए गए हैं।
  • इस मिसाइल की मारक क्षमता अब 400 किमी हो गई है।
  • ब्रह्मोस मिसाइल एक यूनिवर्सल लंबी रेंज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम है, जिसे जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च किया जा सकता है।
  • इस मिसाइल को भारतीय सेना, डीआरडीओ और रुस ने मिलकर बनाया है।
  • इसके सिस्टम को दो वेरिएंट्स के हिसाब से बनाया गया है। एसे एंटी-शिप और लैंड-अटैक रोल।
  • ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सेना और जल सेना में कमीशन की गई है।
  • ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम अपने श्रेणी में पूरे विश्व का सबसे तेज ऑपरेशन सिस्टम है।
  • डीआरओ ने मिसाइल की रेंज को 298 किलोमीटर से 450 किमी तक बढ़ाया है।
  • पिछले दो महीनों में डीआरडीओ ने पहले की और नई मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। इसमें शौर्य मिसाइल सिस्टम भी शामिल है, जो 800 किमी कर मार सकता है।
  • इसमें हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी शामिल हैं
  • पिछले महीने इंडियन नेवी ने अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह 400 किमी तक हमला करने में सक्षम है।

निर्यात करने के लिए बाजार की तलाश
भारत अब सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात करने के लिए बाजार की तलाश कर रहा है। इन मिसाइलों को डीआरडीओ के प्रोजक्ट पीजे 10 के तहत बनया गया है। इन मिसाइलों को 90 के दशक के बाद भारत और रुस के साझा प्रयास के बाद तीनों सेनाओं में शामिल किया था।

भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण
इस वर्ष जून महीने से एलएसी पर भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बीच इस मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस परीक्षण के बाद अब मिसाइल भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।

 

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