अब सैटेलाइट ने बताई ये राज की बात…

भारतीय सेना के मुस्तैदी की सैटेलाइट ने भी पुष्टि कर दी है। सैटेलाइट इमेज में जो दिखा वो दुनिया और विपक्ष के लिए भारतीय सेना के विक्रम का प्रमाण है। इमेज के अनुसार भारतीय सेना 13 रणनीतिक उंचाईयों पर तैनात है।

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लद्दाख में भारत-चीन सीमा की कुछ सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं। जिनमें दिखाया गया है कि भारतीय सेना पैंगांग त्सो और स्पैंगुर त्सो इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात है। इन सैटेलाइट दृश्यों ने विपक्ष के उन दावों की पोल खोल दी है। जिसमें वो चीन द्वारा भारत की भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाता रहा है।

चीन के साथ जारी सीमा विवाद में विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि चीन ने भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करके भारत की भूमि पर कब्जा जमा लिया। उन्होंने प्रश्न भी किया था कि भारत सरकार कब तक भारतीय भूमि को वापस लेगी या इस मुद्दे को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

विपक्ष के इन प्रश्नों पर सरकार की ओर से उत्तर दिया जाता रहा है लेकिन इस पर सत्ता पक्ष कभी उतना मुखर होकर नहीं बोला जितना राहुल गांधी प्रहार करते रहे हैं। इस मुद्दे पर एक साक्षात प्रमाण सामने आया है। एक सैटेलाइट इमेज प्रदाता कंपनी द्वारा नव वर्ष पर जारी किये गए इमेज में ये दिखाया गया है कि भारतीय सेना पैंगोंग त्सो और स्पैंगुर त्सो पर मुस्तैदी से तैनात है। इससे कुछ दूरी पर चीनी सेना के कैंप भी हैं।

सीमा पर भारत मजबूत

लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण 13 ठिकानों पर तैनात है। ये सभी वे क्षेत्र हैं जो उंचाई पर हैं। इस पर एसएफएफ की तैनाती की गई है। यह पूरा क्षेत्र पैंगोंग त्सो झील और और स्पैंगुर त्सो में आता है। पैंगोंग त्सो 16 हजार फीट की उंचाई पर स्थित झील है। जिसमें पहले भारतीय और चीनी सेनाएं निगरानी करती थीं।

क्या है एसएफएफ?

भारतीय सेना में एसएफएफ यानी स्पेशल फ्रंटियर फोर्स एक यूनिट है। जो तिब्बती शरणार्थियों को लेकर गठित की गई है। इसका गठन 1962 में भारत-चीन युद्द के बाद किया गया था। एसएफएफ और विकास बटालियन ने ही रात के अंधेरे और एकदम विपरीत मौसम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचे ठिकानों पर कब्जा किया था।

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