यलगार परिषद: जेएनयू और टीआईएसएस के छात्रों पर एनआएआई का विस्फोटक खुलासा

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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने पुणे के भीमा कोरेगांव में हुए यलगार परिषद के आरोपियों के षड्यंत्र का खुलासा किया है। एजेंसी ने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप लगाया है कि, यलगार परिषद में गिरफ्तार आरोपी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशियल साइंसेस के छात्रों की नियुक्ती आतंकी गतिविधियों के लिए करते थे।

केंद्रीय एजेंसी ने अपने आरोप पत्र के माध्यम से विशेष एनआईए न्यायालय में दावा किया है कि आरोपी देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ना चाहते थे, वे अपनी सरकार स्थापित करने का प्रयत्न कर रहे थे। इसके लिए आरोपी लोगों के दिमाग में विद्रोही विचारों को भरकर उन्हें भड़का रहे थे।

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आरोपियों ने आतंकी गतिविधियों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों के छात्रों की नियुक्ती की थी, जिसमें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस का समावेश भी था। इस प्रकरण में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 6 लोग फरार हैं।

  • एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज किया है। ये केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे।
  • 8 करोड़ रुपए की व्यवस्था करके अत्याधुनिक एम4 हथियार, 4 लाख गोलियां और अन्य असलहे की व्यवस्था कर रहे थे

ऐसा है प्रकरण
ये घटना 1 जनवरी, 2018 की है। पुणे शहर के शनिवार वाड़ा मे यल्गार परिषद का आयोजन किया गया था। जिसमें माओवादी विचारों से प्रेरित लोग सम्मलित हुए थे। आरोप लगा कि इन लोगों के भड़काऊ भाषणों के कारण ही हिंसा भड़की थी। इस हिंसा के पीछे के कारणों की जांच करते हुए पुलिस को रोना विल्सन नामक एक आरोपी के घर से चिट्ठियां मिली थीं जिनमें राजीव गांधी की हत्या की भांति योजना बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने का उल्लेख था। इसके बाद संबंधित लोगों के घर छापे मारे गए, 250 ईमेल संदेश खंगाले गए। इसके आधार पर देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें हैदराबाद के वापमंथी विचारक वरवरा राव, ठाणे से अरुण फरेरा, मुंबई से वरनॉन गोन्सालविज, फरीदाबाद से सुधा भारद्वाज, दिल्ली के रहनेवाले गौतम नवलखा और रांची से स्टीन स्वामी, आनंद तेलतुम्बड़े को गिरफ्तार किया गया।

पत्र ने खोल दी पोल
(जून 2018 में दिल्ली के मुनरिका से मिला था पत्र)
नरेंद्र मोदी 15 राज्यों में भाजपा को स्थापित करने में सफल हुए हैं। यदि यह चलता रहा तो पार्टी के लिए बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कामरेड किशन और कुछ अन्य सीनियर कामरेड ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं। ये आत्मघाती जैसा मालूम होता है और इसकी भी अधिक संभावनाएं हैं कि हम असफल हो जाएं। लेकिन हमें लगता है कि पार्टी हमारे प्रस्ताव पर विचार करे, उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है।

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