Operation Sindoor के बाद राजस्थान में मॉक ड्रिल! जानिये, युद्ध जैसे हालात से निपटने की कैसी है तैयारी

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को राजस्थान के कई संवेदनशील शहरों में युद्धकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

राजधानी जयपुर में एमआई रोड स्थित बीएसएनएल कार्यालय में एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल की गई। सचिवालय में चेतावनी का सायरन बजाया गया, जिसमें वहां मौजूद कर्मचारियों और नागरिकों को सतर्क किया गया। यह विशेष अभ्यास करीब 50 साल बाद दोहराया गया है। इससे पहले 1971 के युद्ध के दौरान ऐसा प्रशिक्षण हुआ था।

सायरन बजने के बाद हॉटलाइन के जरिए जिला कलेक्टर को एयर स्ट्राइक की सूचना दी गई। इसके बाद सचिवालय कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और उन्हें आपातकाल में व्यवहार और बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई। रात साढे़ आठ बजे से पाैन नाै बजे तक राजधानी में सभी घरों और प्रतिष्ठानों की लाइटें बंद रखी गई और नागरिकों को बिना बिजली के सुरक्षा और संपर्क साधनों के उपयोग का अभ्यास कराया गया। जयपुर जंक्शन समेत उत्तर-पश्चिम रेलवे के सभी स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्टेशन पर चल रहे मैसेज से लोगों को अफवाहों से बचने के बारे में बताया जा रहा है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के समस्त स्टेशनों पर ब्लैकआउट के समय ट्रेनें भी रोकी गई।

कोटा जिले में शाम चार बजे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई। इसमें फायर ब्रिगेड की गाड़ियां, सिविल डिफेंस और पुलिस की टीमों ने भाग लिया। चूंकि कोटा के पास स्थित रावतभाटा परमाणु संयंत्र के कारण यह इलाका उच्च संवेदनशीलता में शामिल है, इसलिए सुरक्षा के लिए विशेष तैयारियां की गईं। अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी दी और व्यावहारिक प्रशिक्षण भी कराया।

पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय बाजारों को अस्थायी रूप से बंद करवाया गया। पुलिस द्वारा माइकिंग के जरिए लोगों से सहयोग की अपील की गई। सायरन बजाकर हवाई हमले का संकेत दिया गया। इसके बाद नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।

बीकानेर, श्रीगंगानगर और अनूपगढ़ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की ड्रोन उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ड्रोन गतिविधियां सुरक्षा व्यवस्था में बाधा डाल सकती हैं, इसलिए तत्काल प्रभाव से इन पर रोक लगाई गई है।

राज्य के उच्च और मध्यम संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों में रात के समय ब्लैकआउट सिचुएशन का अभ्यास भी कराया गया। प्रशासन ने साफ किया है कि यह मॉक ड्रिल सिर्फ आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी का अभ्यास है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

उदयपुर में भारत पेट्रोलियम के गैस प्लांट पर एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर पहुंची। अलवर में डी-मार्ट पर एयर स्ट्राइक के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां चंद सैकेंड में ही मौके पर पहुंच गई।

सीकर में बायो स्कोप मॉल में मॉक ड्रिल की गई। सूचना मिली कि यहां जेट के जरिए बम गिराए गए हैं। इस पर पुलिस की गाड़ियां, एंबुलेंस और दमकलें पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया।

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झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में एयर स्ट्राइक की सूचना पर मॉक ड्रिल की गई। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और एसपी ऋचा तोमर सहित सभी आपात दल मौके पर पहुंचे। हालात पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू किया गया। धौलपुर के मचकुंड इलाके में एक बिल्डिंग पर हमले की सूचना पर तुरंत सायरन बजा और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स के पास मिसाइल अटैक की मॉक ड्रिल की गई। टोंक पीजी कॉलेज में हुई मॉक ड्रिल में भी पुलिस और फायर टीम ने तुरंत रेस्पॉन्स किया। भिवाड़ी की एक हाईराइज सोसाइटी में एयर स्ट्राइक के बाद राहत कार्य शुरू हुए। महिला, पुरुष और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सलूंबर के केशव मॉल में बम ब्लास्ट की मॉक ड्रिल के दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन राहत टीमों ने तुरंत स्थिति संभाली। दौसा के बिजली विभाग के 220 केवी जीएसएस पर भी मॉक ड्रिल हुई। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से कुछ को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया। डूंगरपुर बस स्टैंड के पास ब्लास्ट की सूचना पर अफरा-तफरी मच गई, लेकिन बाद में मॉक ड्रिल का पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। कोटा में चार बजे से मॉक ड्रिल शुरू हुई, जिसमें फायर ब्रिगेड ने शहरभर में सायरन बजाते हुए रेस्क्यू किया। बारां के अंता में एनटीपीसी प्लांट पर एयर अटैक की मॉक ड्रिल हुई जिसमें दर्जनों लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। बांसवाड़ा के गोविंद गुरु कॉलेज में ब्लास्ट का सीन क्रिएट किया गया। अजमेर में एचपीसीएल डिपो और रेलवे स्टेशन पर सर्च ऑपरेशन और आग बुझाने का अभ्यास किया गया। जैसलमेर में होटल पर एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल में तीन लोगों की मौत और दाे के घायल होने का सीन दिखाया गया। पाक सीमा से सटे बाड़मेर में बाजार बंद कर मॉक ड्रिल की गई। सवाई माधोपुर में अस्थाई अस्पताल और बंकर बनाए गए।

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