– अमन दुबे
पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह भारत (India) ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) का बदला आतंकवादियों (Terrorists) और उनके संरक्षक पाकिस्तान (Pakistan) से लिया और यह समझ लिया कि अब यह भारत झुकने वाला नहीं बल्कि दूसरों को झुकाने वाला देश है, यह नया भारत है। यह सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की ताकत का शंखनाद था।
मेड इन इंडिया की गूंज दुनिया तक पहुंची
दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान की कल्पना से परे जाकर भारतीय सेनाओं (Indian Forces) द्वारा उसके आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले ने निस्संदेह ‘मेड इन इंडिया’ (Made in India) की गूंज दुनिया तक पहुंचाई है। स्वदेशी तौर पर निर्मित आधुनिक हथियारों की बात करें तो दावा किया गया है कि डीआरडीओ द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल प्रणाली की सटीकता 90 प्रतिशत है।
विश्व को संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारतीय सेना की ताकत का लोहा मनवाया है। इस दौरान भारतीय हथियारों, खासकर स्वदेशी रक्षा प्रणाली की क्षमता ने दिखाया कि 21वीं सदी की युद्ध तकनीक में भारत अब पीछे नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा प्रणाली को अपनाए। बता दें कि भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल और एमआरएसएएम (बराक-8) का इस्तेमाल किया है।
यह भी पढ़ें – Bihar Accident: मातम में बदलीं शादी की खुशियां, बिहार के नवादा में सड़क हादसे में तीन की मौत
भारत की स्वदेशी मिसाइल
– ब्रह्मोस मिसाइल
– आकाश मिसाइल सिस्टम
– एमआरएसएएम यानी बराक-8
बेकार साबित हुए चीनी हथियार
7 और 8 मई को पाकिस्तान ने जम्मू, पंजाब और राजस्थान के इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसमें चीन में बने हथियारों का इस्तेमाल किया गया। लेकिन भारत के एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को रोक दिया, जिससे चीनी हथियारों की क्षमता पर सवाल उठने लगे। मेड इन चाइना सामान पूरी दुनिया में बदनाम हैं। कहा जाता है कि अगर चीनी सामान चलेगा तो चांद तक चलेगा, नहीं तो शाम तक। अब चीनी हथियारों के साथ भी यही हो रहा है। पाकिस्तान ने दशकों से चीन से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदे हैं। पाकिस्तान ने चीन से HQ 9- एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा। फिर उसने उसी के दम पर भारत से मुकाबला करने की सोची, लेकिन भारत के सामने HQ 9- एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट हो गया। जैसे ही पाकिस्तान का यह सिस्टम नष्ट हुआ, उसे समझ आ गया कि वह जबरदस्ती लड़ रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने हथियार तो लिए लेकिन उसका इस्तेमाल करना नहीं सीखा।
भारत में बने हथियारों के खरीदार
– वियतनाम
– फिलीपींस
– म्यांमार
– मॉरीशस
– सेशेल्स
– श्रीलंका
– अर्मेनिया
– मालदीव
यह भी पढ़ें – BMC Notice: मिथुन चक्रवर्ती की मुश्किलें बढ़ीं, जानिए क्यों BMC ने भेजा नोटिस
मेड इन इंडिया, भरोसे का प्रतीक
भारत से मेड इन इंडिया रक्षा प्रणालियां खरीदने वाले कई देश हैं। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा निर्यात के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत अब एक उभरता हुआ रक्षा उत्पाद निर्यातक देश बन गया है और एशिया, अफ्रीका तथा यूरोप के कई देश मेड इन इंडिया के तहत बने रक्षा उत्पादों को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।
17 देशों की पसंद ब्रह्मोस
इंडोनेशिया ने इसके उन्नत संस्करण को खरीदने में रुचि दिखाई है। इसके साथ ही सिंगापुर, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, थाईलैंड, वेनेजुएला, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, दक्षिण अफ्रीका और बुल्गारिया समेत कई अन्य देश इस मिसाइल को खरीदने में रुचि रखते हैं।
दुनिया को संदेश
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा, “भारत की घरेलू रक्षा प्रणाली ने बड़ा संदेश दिया है। यह संदेश सिर्फ दुश्मनों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। स्पेंसर ने कहा कि भारत रक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बन रहा है।” ‘मेक इन इंडिया’ पहल की वजह से स्वदेशी उत्पादन में बड़ी तेजी आई है। 2014 में सेना की गोला-बारूद की जरूरत का 32प्रतिशत हिस्सा देश में बनता था। 2024 में यह बढ़कर 88 प्रतिशत हो गया है। स्पेंसर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्रह्मोस और पिनाका जैसी मिसाइलों से लेकर रडार और आर्टिलरी सिस्टम तक, भारत में बने उपकरणों ने लाइव कॉम्बैट में खुद को साबित किया है। यह सिर्फ़ एक राष्ट्रीय उपलब्धि नहीं है, बल्कि आधुनिक खतरों का सामना करने वाले किसी भी देश के लिए सैन्य तैयारियों का एक मॉडल है।” इसका मतलब है कि भारत ने दिखा दिया है कि वह अपने हथियारों से अपनी रक्षा कर सकता है।”
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community