लेफ्टिनेन्ट जनरल मनोज पांडे भारत के 29वें थल सेनाध्यक्ष होंगे। उनके नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है। वे इंजीनियरिंग कार्प्स के पहले अधिकारी हैं, जिन्हें थल सेनाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल, 2022 को वर्तमान थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उन्होंने इस पद पर 28 महीनों तक सेवाएं दी हैं। उनके पश्चात इस जिम्मेदारी किसे दी जाए, इसे लेकर रक्षा मंत्रालय में मंथन हुआ। जिसमें लेफ्टिनेन्ट जनरल मनोज पांडे की नियुक्ति की घोषणा हुई है। पांडे वर्तमान समय में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं।
यह अच्छा निर्णय है। वे एक अच्छे सैन्य अधिकारी हैं। मेरे अंतर्गत उन्होंने हायर कमांड की ट्रेनिंग पूरी की थी, वे अति दक्ष सैन्य अधिकारी हैं।
ब्रिगेडियर (सेवा निवृत्त) हेमंत महाजन
सैन्य करियर
- मनोज पांडे नेशनल डिफेन्स अकादमी के छात्र रहे हैं।
- 32 साल की है सैन्य सेवा
- वर्ष 1982 में उन्हें थल सेना के कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स की सेवा में लिया गया।
- वेस्टर्न थियेटर में इंजीनियरिंग ब्रिगेड का कर चुके हैं नेतृत्व
- नियंत्रण रेखा पर इन्फेन्ट्री ब्रिगेड का नेतृत्व
- माउन्टेन डिवीजन का लद्दाख सेक्टर में नेतृत्व
- अंदमान निकोबार द्वीप समूह में ईस्टर्न कमांड के रह चुके हैं कमांडर इन चीफ
- जम्मू कश्मीर में ऑपरेश्न पराक्रम का नेतृत्व किया, यह ऑपरेशन नियंत्रण रेखा पर पल्लनवाला सेक्टर में चलाया गया था।
- 2001 के संसद भवन आतंकी हमले के समय ऑपरेशन पराक्रम के अंतर्गत ही सेना की टुकड़ियों को दक्षिण सीमा पर स्थानांतरित किया गया था।
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