370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में ऐसे टूटी आतंकवाद की कमर!

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वारदातों में तेजी से कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018, 2019, 2020 और 2021 (फरवरी तक) के आंकड़े जारी  किए हैं।

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जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। इसी क्रम मे आतंकवादी वारदातों में भी तेजी से कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2018, 2019, 2020 और 2021 (फरवरी तक) के आंकड़े जारी  किए गए हैं। इनमें आतंकवादी घटनाओं के साथ ही मारे गए आतंकवादियों की भी संख्या और शहीद हुए सुरक्षकर्मियों के आंकड़े भी दिए गए हैं।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था और इसे विशेषाधकार देनेवाले अनुच्छेद 370 तथा 35-ए को हटाने का ऐलान किया था। हालांकि विपक्ष ने इसका उग्र विरोध किया था लेकिन सरकार ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए थे। उसके बाद से इस केंद्र शासित प्रदेश में जन-जीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। आंतकवादी गतिविधियों में आई कमी को इसके प्रमाण के रुप में देखा जा सकता है।

ये हैं आंकड़े
वर्ष 2019 में 594 आतंकवादी घटनाएं घटीं, जबकि 157 आतंकवादी मारे गए, वहीं 2020 में कुल 244 घटनाएं घटीं जबकि 221 आतंकवादी मार गिराए गए। 2021 में फरवरी के अंत तक 15 आतंकी घटनाएं घटीं, जबकि 8 आतंकवादी ढेर किए गए।

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कई सुरक्षाकर्मी भी शहीद
आंतकवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में कुछ सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए और कुछ नागरिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा। 2019 से अबतक के आंकड़े बताते हैं कि इस ममाले में भी पहले के मुकाबले लगातार कमी आ रही है। 2019 में जहां आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में 27 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, वहीं 5 नागरिक मारे गए। 2020 में जहां 33 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, वहीं 6 नागरिक मारे गए। 2021 में फरवरी तक 1 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं, जबकि एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई है।

370 हटाए जाने से पहले के आंकड़े
जम्मू-कश्मीर में 2018 में आर्टिकल 370 लागू था। इस वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 614 आतंकवादी घटनाएं घटीं, जिसमें 257 आतंकवादी ढेर किए गए। इसके साथ ही इस वर्ष पंजाब में भी एक आतंकी घटना घटी, वहीं पिछले तीन सालों में दिल्ली में एक आतंकी घटना घटी। इसके आलावा पूरे देश में कोई आतंकी घटना नहीं घटी।

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मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
मोदी सरकार ने आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। इसके तहत कई तरह के कदम उठाए गए हैं,  जैसे कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना, राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कानून का सख्ती से पालन करना आदि। इसके साथ ही आतंकी संगठनों की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गहन तलाशी अभियान भी चलाया गया है। सुरक्षा बल के जवान उन व्यक्तियों पर भी कड़ी नजर रखते हैं, जो आतंकवादियों को समर्थन और शरण देते हैं।

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