Praveen Dixit: भारत को बाहरी ताकतों यानी पाकिस्तान, चीन और अन्य आपदाओं और संकटों से ज्यादा आंतरिक सुरक्षा से खतरा है। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने आगाह करते हुए यह बात कही है। वे स्पार्क अकादमी की प्रतियोगी परीक्षाओं से चयनित अधिकारियों का मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे। पूर्व डीजीपी ने कहा, ‘आंतरिक सुरक्षा बहुत जरूरी है और सामाजिक खतरों की पहचान की जानी चाहिए। मौजूदा स्थिति ऐसी है, जैसे किसी ने रेलवे, संचार चैट, प्रमुख शोध संस्थानों जैसे कुछ महत्वपूर्ण इन्सुलेशन पर घेराबंदी कर दी हो। इसमें कई अज्ञात लोग हैं और वे रोहिंग्या, बांग्लादेशी हो सकते हैं। इसलिए, आज सरकारी अधिकारियों पर जिम्मेदारी आ गई है कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएं ,जिससे हमारे सभी संस्थान सुरक्षित रहकर स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें।’
युवाओं को सलाह
प्रतियोगी परीक्षाओं से चयनित अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम विद्यार्थियों को स्कूल से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में बता सकें, तो वे स्नातक होते ही प्रशासनिक सेवाओं के लिए पात्र हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम शैक्षणिक परीक्षाओं से पहले घोषित किए जाएं, तो युवाओं के उस महत्वपूर्ण पांच-छह साल की अवधि को कैसे कम किया जाए, इस बारे में सोचना चाहिए, तो उनके जीवन का एक भी दिन बर्बाद नहीं होगा। इसलिए आज के युवाओं को जल्द से जल्द निर्णय लेने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री को सपने के पूरा करने मे सबका सहयोग जरुरी
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है। प्रवीण दीक्षित ने कहा कि अगले 25 वर्षों में विकास की जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है। अतिक्रमण एक बहुत ही कठिन मुद्दा बन गया है और इसे लोकतांत्रिक तरीकों से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 7, 8 और 9 मई को युद्ध जैसे हालात के दौरान भारत पर 3,000 से अधिक साइबर हमले हुए और इनमें से अधिकांश हमले भारत में बैठे पाकिस्तानियों द्वारा किए गए, जो उनकी मदद कर रहे थे। हम सभी को अपनी उदासीनता त्यागकर प्रशासन को ऐसे संदिग्ध लोगों के बारे में सूचित करना चाहिए, जो भारत के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम सभी जागरूक नागरिक बनेंगे, तभी भारत सुरक्षित हो पाएगा।
फर्जी नैरेटिव सबसे बड़ा खतरा
वर्तमान समय के सबसे चर्चित मुद्दे पर बोलते हुए प्रवीण दीक्षित ने कहा कि आज सबसे बड़ा खतरा फर्जी नैरेटिव है। किसी लॉबी ने वीडियो भेजकर अपने ही दुश्मनों से हम पर हमला करवाया है। उन्होंने एक मराठी समाचार पत्र द्वारा दी गई खबर का हवाला देते हुए कहा कि उसने पाकिस्तान और रूस के बीच एक प्रोजेक्ट को लेकर खबर छापी थी। हालांकि, तरुण भारत, दूरदर्शन और अन्य मीडिया ने कहा कि यह फर्जी खबर है। रूस ने खुद कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है। इसलिए हमें उन लोगों का सामना करना होगा, जो एक खास अखबार पढ़ते हैं और हमारे दिमाग में झूठी कहानियां फैलाते हैं। यह स्पष्ट है कि इस तरह के हमलों के पीछे कौन है। इसके पीछे पाकिस्तान की आईएसआई है।
हमारी संस्कृति महान ज्ञान का स्रोत
हमारी संस्कृति महान ज्ञान का स्रोत है और यहां तक कि रामायण, भागवत, गीता, ज्ञानेश्वर महाराज की पुस्तकों को जानबूझकर अपने पढ़ने में शामिल करें। उन्होंने कहा कि इससे आध्यात्मिक शक्ति मिलेगी और आपको अपने आसपास चल रही कुछ खतरनाक परिस्थितियों से उबरने की ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पुस्तकों से हमें कठिन परिस्थितियों में आगे बढ़ने के लिए जो आत्म-बल चाहिए, वह मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे उच्च पुस्तक, जो बहुत व्यावहारिक ज्ञान देती है वह भगवद् गीता है। इस ज्ञान का उपयोग करें। पूरी दुनिया में गीता का कोई मुकाबला नहीं है, इसे नजरअंदाज न करें।