BrahMos Missile: भारत की ताकत में और होगा इजाफा, राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का किया उद्घाटन

लखनऊ में ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डिजिटल माध्यम से दिल्ली से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

58

भारतीय सेना (Indian Army) ने आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू किया। जिसमें उन्होंने 9 आतंकवादी ठिकानों (Terrorist Hideouts) पर हमला (Attack) किया था। इस अभियान में दुनिया ने भारत के सैन्य हथियारों (Military Weapons) की ताकत देखी है। अब इस ताकत को और बढ़ाया जाएगा। अब अगली पीढ़ी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (Supersonic Cruise Missile BrahMos) का निर्माण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में किया जा रहा है। इसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने ऑनलाइन किया। इस बार उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आतंकवादी सीमा पार भी सुरक्षित नहीं हैं। हमने यह दुनिया को दिखा दिया है।

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) नेक्स्ट जनरेशन के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक विनिर्माण इकाई स्थापित की गई है। इस इकाई के निर्माण में तीन वर्ष का समय लगा और लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आयी। इस मिसाइल को जमीन, हवा और समुद्र से प्रक्षेपित किया जा सकता है और यह ‘दागो और भूल जाओ’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है।

यह भी पढ़ें – Rajasthan: युद्धविराम के बावजूद पाकिस्तान ने राजस्थान के जिलों में किए ड्रोन हमले, देर रात PAK की नापाक हरकत

ब्रह्मोस मिसाइल की गति
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस लक्ष्य की ओर लगभग मैक 2.8 से मैक 3.0 (ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना, अर्थात लगभग 3,700 से 4,000 किमी/घंटा) की गति से यात्रा करती है।

मिसाइल का वजन कितना होगा?
भारत में बनने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का वजन काफी कम होगा। वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 2900 किलोग्राम है, जबकि भारत में बनने वाली अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस का वजन 1260 किलोग्राम होगा। इसकी रेंज 300 किलोमीटर होगी।

प्रत्येक वर्ष कितनी मिसाइलें बनाई जाएंगी?
इस मिसाइल की मारक क्षमता भी 300 किलोमीटर है। अपने हल्के वजन के कारण सुखोई विमान एक समय में पांच मिसाइलें ले जा सकता है। फिलहाल हर साल 80-100 मिसाइलों का उत्पादन किया जाएगा। अगले वर्ष से 100 से 150 एनजी मिसाइलों का उत्पादन किया जाएगा। फिलहाल ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण तिरुवनंतपुरम, नागपुर, हैदराबाद और पिलानी में किया जा रहा है, लेकिन अब इसका निर्माण लखनऊ में भी किया जाएगा। लखनऊ यूनिट की सबसे खास बात यह है कि यहां सिर्फ एनजी तकनीक से ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण होगा।

देखें यह वीडियो – 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.