अब चीन सागर में तैनात होंगे भारतीय नौसेना के बेड़े

यह समुद्री पहल कॉमन समुद्री हितों और समुद्र में नौवहन की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर समन्वय को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे नियमित पोर्ट कॉल के अलावा टास्क ग्रुप सैन्य संबंध बनाने और समुद्री अभियानों के संचालन में अंतर-संचालनीयता को विकसित करने के लिए मित्र देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

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भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप मित्र देशों के साथ भारतीय नौसेना का एक पूर्वी बेड़ा दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात होगा। यह दो महीने से अधिक समय तक वहां रहेगा।

भारतीय नौसैनिक बेड़ों की तैनाती के पीछे सागरी क्षेत्र में बेहतर तारतम्य सुनिश्चित करना और भारत का प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य है। इसके साथ ही मित्र देशों के साथ अभियानों में अच्छा संतुलन, शांतिपूर्ण कार्यों में सहभागिता और एकजुटता को रेखांकित करना है। भारतीय बेड़े में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर रणविजय, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, एंटी-सबमरीन कार्वेट कदमत और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा शामिल हैं।

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इंडो पैसिफिक में तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना वियतनाम पीपुल्स नेवी, रिपब्लिक ऑफ फिलीपींस नेवी, रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी, इंडोनेशियन नेवी और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के साथ द्विपक्षीय अभ्यास में हिस्सा लेगी। इसके अलावा जापान मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के साथ बहुपक्षीय अभ्यास मालाबार -21 में भी भाग लेगी। यह तैनाती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोष ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन – सागर’ की पूर्ति है।

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