पिनाका (पिनाका-ईआर) मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के विस्तारित रेंज के नए सिस्टम का पोखरण रेंज में तीन दिन से परीक्षण चल रहा है। विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। भारतीय सेना पिछले एक दशक से रॉकेट लॉन्चर का पुराना सिस्टम इस्तेमाल कर रही है लेकिन मौजूदा जरूरतों के लिहाज से डीआरडीओ ने नया रॉकेट लॉन्चर सिस्टम डिजाइन किया है। इस नई प्रणाली को सीमा बढ़ाने वाली उन्नत तकनीक के साथ अपग्रेड किया गया है।
पिनाका की बढ़ी हुई मारक क्षमता तय हो जाने के बाद डीआरडीओ ने यह प्रणाली की प्रौद्योगिकी को भारतीय उद्योग को हस्तांतरित कर दी है। उद्योग साझीदार ने उक्त पिनाका एमके-1 रॉकेट का निर्माण किया। इसके उत्पादन और गुणवत्ता के लिये डीआरडीओ ने पूरा सहयोग किया था। इसके बावजूद विकसित रॉकेटों को क्षमता मूल्यांकन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। सेना के साथ डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों के दौरान पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाका रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ भिन्न-भिन्न दूरी से किया गया।
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एक दशक से है शामिल
डीआरडीओ के मुताबिक विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। पुराने मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर एक दशक से भारतीय सेना में शामिल हैं। इस प्रणाली की डिजाइन को मारक दूरी बढ़ाने की उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ नई जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पिनाका रॉकेट के उन्नत संस्करण के परीक्षणों का उद्देश्य यह परखना था कि प्रौद्योगिकी को उद्योग साझीदारों ने किस तरह अपनाया है। पिनाका रॉकेटों के लिए स्वदेशी स्तर पर विकसित फ्यूजों का भी परीक्षण किया गया। पुणे स्थित एआरडीई ने पिनाक रॉकेटों के लिए कई अलग-अलग तरह के फ्यूज विकसित किये हैं। लगातार उड़ान परीक्षणों में फ्यूज का प्रदर्शन सटीक रहा है।