ब्रम्होस मिसफायर घटना में तीन अधिकारी बर्खास्त, जानिये क्या है प्रकरण

113

परीक्षण के दौरान भारत की ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की सीमा में गिरने की घटना पर गठित उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में वायु सेना के तीन अधिकारियों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करके मंगलवार को उनकी बर्खास्तगी के आदेश दिए हैं। यह हादसा सॉफ्टवेयर अपग्रेड करके मिसाइल की रेंज बढ़ाकर परीक्षण किये जाने के दौरान तकनीकी गलती से हुआ था। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में बयान देकर हथियार प्रणालियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का भरोसा दिया था।

ऐसा है ब्रम्होस दुर्घटना का प्रकरण
भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल रेंज बढ़ाकर नए एयर वर्जन का परीक्षण किये जाने के दौरान तकनीकी खामी से 09 मार्च को मार्ग से भटककर पाकिस्तान की सीमा में 160 किमी. दूर गिरी थी। इस घटना पर पाकिस्तान ने 10 मार्च को कहा था कि भारत के सिरसा से लॉन्च की गई एक मिसाइल उनके क्षेत्र में मियां चन्नू इलाके में गिरी है। इससे कुछ निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ है। भारत ने पाकिस्तान के इस दावे पर 24 घंटे तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन अगले दिन भारत ने गलती से मिसाइल लॉन्च होने की बात स्वीकार करके उच्चस्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए थे।

ये भी पढ़ें – शिवसेना किसकी? अब पांच सदस्यीय संविधान बेंच के समक्ष होगी सुनवाई

एसओपी का हुआ उल्लंघन
वायु सेना के विंग कमांडर आशीष मोघे के अनुसार इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने सहित हादसे के तथ्यों की जांच करने के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (कर्नल) ने पाया है कि परीक्षण के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पूरी तरह पालन नहीं किया गया जिसकी वजह से आकस्मिक फायरिंग हो गई। दुर्घटनावश हुई घटना की वजह से मिसाइल मार्ग से भटककर पाकिस्तान की सीमा में 160 किमी. दूर गिरी थी। जांच में परीक्षण के दौरान मौजूद रहे वायु सेना के तीन अधिकारियों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करके आज उनकी बर्खास्तगी के आदेश दे दिए हैं।

रक्षा मंत्री ने दिलाया था भरोसा
इस पूरे मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 मार्च को राज्यसभा में बयान देकर सदन को भरोसा दिलाया था कि भारत की मिसाइल प्रणाली बहुत विश्वसनीय और सुरक्षित है। इसके अलावा, हमारी सुरक्षा प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल उच्चतम हैं और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था कि इस घटना के मद्देनजर संचालन, रखरखाव और निरीक्षण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। हम अपनी हथियार प्रणालियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.