भारत ने विकसित किया एयर डिफेंस सिस्टम! जानिये, रूसी एस-400 पर कैसे है भारी

ओडीशा के समुद्री तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर में कम दूरी के इस हवाई रक्षा प्रणाली का परीक्षण किा गया।

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डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अपने देश में ही एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर लिया है। 14 मार्च को इसका सफल परीक्षण किया गया। यह रूस के एस-400 पर भारी है। इस मिसाइल की खासियत यह भी है कि इसकी स्पीड एयर डिफेंस सिस्टम के हिसाब से बेहतर है। इस सिस्टम से दुश्मन के विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को बचने का कोई भी मौका नहीं मिलेगा और वे फौरन नष्ट हो जाएंगे।

ओडीशा के समुद्री तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर में कम दूरी के इस हवाई रक्षा प्रणाली का परीक्षण किा गया। इस परीक्षण में यह पूरी तरह सफल रहा। इसके एक नहीं, दो परीक्षण किए गए और दोनों में यह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहा।

यह वास्तव में रूस के एस-400 की तरह कम दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है। इसका महत्व इसलिए भी अधिक है कि इसे अपने देश में ही विकसित किया गया है। इसे विकसित करने में डीआरडीओ की सहायता हैदराबाद के रिसर्च सेंटर ने की है।

इसकी खास बातेंः
– इसे बनान में ड्यूल बैंड आईआईआर सीकर, मिनिएचर रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स जैसी नई तकनीक का किया गया इस्तेमाल

-प्रोपल्शन सिस्ट ड्यूल थ्रस्ट सॉलिड मोटर है। इससे इसे तेज गति मिलेगी।

-इस मिसाइल का इस्तेमाल भारतीय सेना एंटी-एयरक्राफ्ट वॉरफेयर में कर सकती है।

-वीएसएचओआरएडीएस का भार 20.5 किलो है।

-इसकी लंबाई 6.7 फीट है और इसका व्यास 3.5 इंच है।

-यह अपने साथ 2 केजी वजन का हथियार ले जा सकता है।

-इसकी सीमा 250 मीटर से 6 किमी तक है।

-इसकी अधिकतम गति मैक 1.5 यानी 1800 किमी प्रति घंटा है।

-इससे पूर्व इसका परीक्षण 2022 में 27 सितंबर को किया गया था।

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