हुतात्मा लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह के प्रति लोग सोशल मीडिया पर इस तरह व्यक्त कर रहे हैं अपनी संवेदनाएं!

हुतात्मा लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिह के पार्थिव शरार का फिलहाल 1 नवंबर को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। लोग 20 किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। उनकी वीरता की कहानी स्थानीय लोगों के साथ ही पूरे देश को प्रेरणा देती रहेगी।

121

बिहार के बेगूसराय के लाल आर्मी में लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह जम्मू-कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में हुतात्मा हो गए। लैंडमाइन विस्फोट में वे वीरता का इतिहास गढ़ते हुए देश के लिए हुतात्मा हो गए। वे बेगूसराय के वार्ड-16 के पिपरिया निवासी राजीव रंजन सिंह के एकलौते पुत्र थे। उनके हुतात्मा होने की खबर सुनते ही शहर में मातम छा गया। उनके वीरगति प्राप्त करने की जानकारी 31 अक्टूबर को मिली। घर पर सेना की ओर से फोन कर परिजनों को इस बारे में सूचना दी गई।

इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही घर के लोगों पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। लेफ्टिनेंट की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आसपास के लोग दौड़े हुए उनके घर पहुंचे और दुख के सागर में डूबे परिजनों को ढाढ़स बंधाने की कोशिश करने लगे। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्रि गिरिराज सिंह ने भी बेगूसराय के इस बेटे की वीरता को सलाम किया और उनके शोक संतप्त परिजनों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

केंद्रीय मंत्री ने व्यक्त की संवेदना और शोक

उन्होंने इन शब्दों में अपनी संवेदना व्यक्त की,”लखीसराय के पिपरिया के मूल निवासी व बेगूसराय में बसे राजीव रंजन जी के लेफ्टिनेंट पुत्र ऋषि रंजन जे एंड के में शहीद हो गए हैं। यह पूरे परिवार व क्षेत्र के लिए बहुत पीड़ादायक है, उनकी बहादुरी को सलाम। ईश्वर परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे। ॐ शान्ति।”

20 किमी पैदल चलकर लोगों ने दी अंतिम विदाई
हुतात्मा लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिह के पार्थिव शरार का फिलहाल 1 नवंबर को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनकी अंतिम याात्रा में शामिल होने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग 20 किलोमीटर पैदल चलकर उन्हें विदाई देने पहुंचे। उनकी वीरता की कहानी स्थानीय लोगों के साथ ही पूरे देश को प्रेरणा देती रहेगी।

देश के लोग उनकी वीरता पर गर्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी वीरता को सलाम किया जा रहा है।

हाल ही में हुई थी जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग
बेगूसराय ही नहीं, भारत के इस बेटे ने 6 महीने पहले ही सेना में ज्वाइन किया था। जम्मू-कश्मीर में उनकी पोस्टिंग होकर एक महीना ही हुआ था। उनकी दो बहनें हैं। उनकी बड़ी बहन और बहनोई भी सेना में हैं। उनकी छोटी बहन की शादी इसी महीने होने वाली थी। इस अवसर पर वे 22 नवंबर को छुट्टी पर आने वाले थे। उनके हुतात्मा होने पर घर के साथ ही बेगूसराय के लोग गौरवान्वित हैं, लेकिन वे अपने बेटे को खोकर दुखी भी बहुत हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.