अब बदले गए पुलिस के परम ‘वीर’! पढ़ें विस्तृत सूची

एंटीलिया प्रकरण की साजिश, जांच और जांच में गड़बड़ी का आरोप नए विवादों को जन्म दे गया है। गृह मंत्री पर सौ करोड़ रुपए की धन उगाही की योजना बनाने का आरोप लगा है।

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मुंबई पुलिस में चल रहे विवाद का पटाक्षेप होना निकट भविष्य में संभव नहीं लग रहा। मंगलवार सायंकाल में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री से भेंट की थी। इसको लेकर तरह-तरह के क़यास लग रहे थे। लेकिन रात चढ़ते ही मुंबई पुलिस के अपराध अन्वेषण विभाग के परम ‘वीर’ बदल दिये गए।

पुलिस विभाग में स्थानांतरण में भ्रष्टाचार को लेकर आईपीएस रश्मि शुक्ला ने गहन जांच की थी। इसमें अधिकारियों का स्थानांतरण पुलिस प्रशासन को बाइपास कर मंत्री स्तर पर किये जाने के प्रकरण की जांच शामिल थी। इसकी रिपोर्ट भी आई लेकिन, फ़ायरिंग रश्मि शुक्ला पर ही हो गई और उनका स्थानांतरण साइड ब्रांच में हो गया। इससे दुखी रश्मि शुक्ला ने अपना स्थानांतरण केंद्रीय सेवा में करा लिया। पुलिस विभाग में किये जा रहे बदलाव का दुख महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जयसवाल को भी था। उन्होंने भी इस मुद्दे को उठाया लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे भी केंद्रीय सेवा में चले गए। इसके बाद भी विवादों का दौर जारी है। जो तब अच्छे थे वो अब सीबीआई जांच की मांग करे रहे हैं।

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अपराध शाखा में बड़े बदलाव
मुंबई में अपराध अन्वेषण विभाग के 65 अधिकारियों समेत 86 कर्मियों का स्थानांतरण हुआ है। पुलिस विभाग में पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण हुए हैं।

एंटीलिया के जांच अधिकारी भी बदले
मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक लदी एसयूवी प्रकरण की जांच के चक्कर में फंसे अधिकारियों का भी स्थानांतरण हो गया है। सहायक पुलिस निरिक्षक रियाजुद्दीन काजी, प्रकाश ओव्हाल और सुनील माने को दूसरे विभाग में स्थानांतरित किया गया है। रिजायुद्दीन काजी का स्थानांतरण सीआईयू से सशस्त्र पुलिस बल में कर दिया गया है। जबकि, सुनील माने को मुलुंड पुलिस थाना और प्रकाश ओव्हाल को मलबार हिल पुलिस थाना में स्थानांतरित किया गया है।

आयुक्त के आरोपों से मुद्दा गरमाया
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृह मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसकी जांच से संबंधित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में भी दायर की है। इस बीच सरकार ने एक बार फिर मुंबई पुलिस के अपराध अन्वेषण विभाग के पुलिस निरिक्षकों का बड़े स्तर पर स्थानांतरण कर दिया है। जिसे आयुक्त टीम, लेनदेन के आरोप और विपक्ष के डेटा बम का एक साथ उत्तर देने का प्रयत्न माना जा रहा है।

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