दिल्ली के गाजीपुर में इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस (आईईडी) को एनएसजी के दल ने निष्क्रिय कर दिया है। अब जांच एजेंसियां यह पता कर रही हैं कि, इसके पीछे किसका हाथ था। इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अब आसपास की छुपी नजर (सीसीटीवी) पर संदिग्धों की खोज की जा रही है।
यह प्रकरण गणतंत्र दिवस के पहले दिल्ली को दहलाने का भी हो सकता है। जो हो सकता है, किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा रहा हो। परंतु, समय रहते आईईडी प्लांट किये जाने की जानकारी प्राप्त होने से बड़ी आतंकी घटना टल गई है। इस प्रकरण की जांच अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह 10.20 पर एक पीसीआर कॉल मिली थी। जिसमें एक संदिग्ध बैग की जानकारी दी गई थी। जब दिल्ली पुलिस पहुंची तो उसने बम निरोधक दस्ते और एनएसजी को बुलाया।
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Ensuring no casualties, #DelhiPolice recovers IED in Ghazipur Phool Mandi. Device was disposed of by NSG's Bomb Disposal Squad using a controlled explosion.#DelhiPoliceUpdates@cp_delhi @DCPEastDelhi pic.twitter.com/wcGXQVHCRB
— Delhi Police (@DelhiPolice) January 14, 2022
न्यायालय में हो चुका है धमाका
9 दिसंबर को एक धमाका दिल्ली के रोहिणी न्यायालय में हुआ था। जिसमें न्यायालय के कमरा नंबर 102 में धमाका हुआ था। वहां लैपटॉप बैग में एक टीन का बक्सा रखा था, जिसमें विस्फोटक था। वह कम क्षमता का विस्फोट था। धमाके के पश्चात स्थल से बैटरी और वायर भी प्राप्त हुआ था।