भारत ने सोमवार को ओडिशा में बालासोर के तट से लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) भारतीय नौसेना के लिए यह हथियार प्रणाली विकसित कर रहा है।
दुनिया भर में हैवी टॉरपीडो सिस्टम की सबसे लंबी रेंज आमतौर पर 50 किमी. और रॉकेट की रेंज 140-150 किमी. है, लेकिन हाइब्रिड तकनीकों के कारण स्मार्ट की रेंज 650 किमी. होगी।
Supersonic missile assisted torpedo system successfully tested from Dr APJ Abdul Kalam Island, Odishahttps://t.co/bmJpR0q5RB pic.twitter.com/w9OXcodKI9
— DRDO (@DRDO_India) December 13, 2021
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उन्नत प्रणाली का विकास
पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) की समस्याएं लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रही हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने शीत-युद्ध की ऊंचाई पर ऐसी हाइब्रिड तकनीकों के साथ प्रयोग किया है। डीआरडीओ की स्मार्ट हथियार प्रणाली 80 के दशक में संयुक्त राज्य नौसेना के लिए विकसित बोइंग के यूयूएम-125 सी लांस से काफी मिलती-जुलती है। दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने की तकनीक बहुत परिष्कृत स्तर तक विकसित हो गई है।
पहले भी हो चुका है परीक्षण
इससे पहले सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण 05 अक्टूबर 2020 को ओडिशा के तट पर व्हीलर द्वीप से किया गया था। डीआरडीओ ने कहा कि परीक्षण के दौरान मिसाइल ने ऊंचाई तक उड़ान, टॉरपीडो को छोड़ने और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (वीआरएम) की तैनाती सहित सभी मिशन उद्देश्यों को पूरी तरह से पूरा किया। दुनिया भर में हैवी टॉरपीडो सिस्टम की सबसे लंबी रेंज आमतौर पर लगभग 50 किमी. और रॉकेट की रेंज 140-150 किमी. है, लेकिन हाइब्रिड तकनीकों के कारण स्मार्ट की रेंज 650 किमी. होगी।
विकास के लिए शुभकामना
स्मार्ट टॉरपीडो रेंज से काफी दूर एंटी-सबमरीन वारफेयर के लिए हल्के एंटी-सबमरीन टॉरपीडो सिस्टम की मिसाइल असिस्टेड रिलीज है। यह पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण है। डीआरडीएल, आरसीआई हैदराबाद, हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) आगरा, नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम सहित डीआरडीओ की कई अन्य प्रयोगशालाओं ने स्मार्ट के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि स्मार्ट पनडुब्बी रोधी युद्ध में एक गेम चेंजर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है।
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