अग्निपथ योजनाः अब दिल्ली उच्च न्यायालय इस तिथि को करेगा सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय पहले से भारतीय नौसेना के उस विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें अभ्यर्थियों को 12वीं में मिले मार्क्स कट-ऑफ बढ़ाकर चयन करने की बात कही गई है।

225

दिल्ली उच्च न्यायालय अग्निपथ योजना को लेकर दायर याचिकाओं पर अब 25 अगस्त को सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के 19 जुलाई के आदेश के मद्देनजर 20 जुलाई को सुनवाई को टाल दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने 19 जुलाई को अपने पास और दूसरे उच्च न्यायालय में लंबित केस दिल्ली उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। अब सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई होगी।

दिल्ली उच्च न्यायालय पहले से भारतीय नौसेना के उस विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें अभ्यर्थियों को 12वीं में मिले मार्क्स कट-ऑफ बढ़ाकर चयन करने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारतीय नौसेना में चयन के लिए जो मापदंड बनाए गए हैं उसका यह विज्ञापन उल्लंघन करता है।

ये भी पढ़ें – चालबाज चीन की नजर चिकन नेक पर, इस तरह बढ़ा रहा है भारत की चिंता

एयरफोर्स में चयनित 20 अभ्यर्थियों ने भी दायर की है याचिका
उल्लेखनीय है कि अग्निपथ योजना को लेकर एयरफोर्स में चयनित 20 अभ्यर्थियों ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि अग्निपथ योजना से प्रभावित हुए बिना उन्हें एयरफोर्स ज्वाइन करने का आदेश जारी किया जाए। एयरफोर्स में चयनित अभ्यर्थियों का एयरफोर्स की एक्स और वाई ट्रेड में नियुक्ति के लिए 2019 में चयन हुआ था। लेकिन उन्हें ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है।

आधिकारिक वेबसाइट पर स्पष्टीकरण
याचिका में मांग की गई है कि एयरफोर्स की 2019 की एनरोलमेंट सूची प्रकाशित की जाए और उन्हें ज्वाइन कराया जाए। एयरफोर्स के आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया कि कोरोना की वजह से उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो रही है। लेकिन अब केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की वजह से उनकी ज्वाइनिंग पर असर पड़ सकता है। याचिका में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति में केवल अंतिम चरण बाकी है। इसलिए वे एयरफोर्स में नियुक्ति के हकदार हैं। अगर 2019 के एयरफोर्स में चयन को मनमाने तरीके से रद्द किया जाता है तो ये संविधान की धारा 16(1) के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन होगा।

योजना पर पुनर्विचार करने की मांग
सर्वोच्च न्यायालय में अग्निपथ योजना को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। एक याचिका वकील हर्ष अजय सिंह ने दायर की है। याचिका में सरकार को इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सरकारी खजाने पर बोझ कम करने की कवायद में राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता न हो। चार साल बाद रिटायर्ड हुए अग्निवीर बिना किसी नौकरी के गुमराह हो सकते है।

हिंसा और तोड़फोड़ की जांच की मांग
अग्निपथ योजना को लेकर दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा और तीसरी याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। मनोहर लाल शर्मा की याचिका में अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए कहा गया था कि ये योजना बिना संसद की मंजूरी के लाई गई है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में अग्निपथ योजना का सेना पर होने वाले प्रभाव और उसके खिलाफ हुई हिंसा और तोड़फोड़ की जांच की मांग की गई थी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.