भारतीय सेना को उन्नत करने का बड़ा कदम, 84 हजार करोड़ का आयुध संसाधन मिलेगा

केंद्र की वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से ही सेना को सुदृढ़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इससे सेना के अत्याधुनिकीकरण में सहायता हुई तो उसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के बल पर कई साजो सामान का निर्माण देश में होने लगा है।

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डिफेन्स एक्विजिशन काऊंसिल (डीएसी) ने तीनों सेनाओं और तटरक्षक दल के लिए आयुध और रक्षा संसाधन की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। डीएसी ने एक बैठक में नेसेसिटी ऑफ एक्विजिशन के अंतर्गत 84 हजार करोड़ रुपए से अधिक के आयुध संसाधनों को प्राप्त करने के लिए अनुमति दे दी है। इसमें कैपिटल एक्विजिशन के कुल 24 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें थलसेना के लिए 6, भारतीय वायु सेना के लिए 6, नौसेना के 10 और तटरक्षक दल के 2 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

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सेना में किसे क्या मिलेगा?
सेना को 84 हजार 328 करोड़ रुपए खर्च करके नैसेना के लिए एंटी शिप मिसाइल, मल्टी पर्पज वेसल, हाई एंड्यूरेन्स ऑटोनॉमस वेहिकल दिया जाएगा। जबकि, वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए नई मिसाइल सिस्टम, लॉन्ग रेंज गाइडेड बम, रेंज ऑगमेन्टेशन किट और एडवान्स सर्विलान्स सिस्टम लिया जाएगा। इसी प्रकार के संसाधन थल सेना और भारतीय तट रक्षक दल को भी प्रदान किया जाएगा।

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