राजेश्वर सिंह मनहास सिंह सुरक्षित हैं। उन्हें नक्सलियों ने अपहृत कर लिया है। इसकी पुष्टि नक्सलियों ने पत्र भेजकर की है। नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें इस संदर्भ में जानकारी दी है। लेकिन इस बीच प्रश्न उठ रहा है कि दुश्मन पाकिस्तान का गला पकड़कर अपने वायु सेना विंग कमांडर अभिनंदन की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करनेवाला देश अपने भीतर छुपे दुश्मनों से राजेश्वर को कब छुड़ाएगा?
नक्सलियों ने अपने संदेश में इस बात को स्वीकार किया है कि सुरक्षा बलों ने उनके चार नक्सली साथियों को मार गिराया है। सुरक्षा बलों से लूटी गई राइफलों की फोटो भी भेजी है। नक्सलियों ने सरकार से मध्यस्थों की सूची भी मांगी है। उनकी शर्त है कि सरकार अपने मध्यस्थों को भेजकर बात करे।
पत्नी बेटी ने लगाई गुहार
इस बीच राजेश्वर सिंह की पत्नी मीनू सिंह और पुत्री ने केंद्र सरकार से उन्हें छुड़ाने की मांग की है।
विंग कमांडर अभिनंदन की तरह मेरे पति को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़वा लाओ…बीजापुर हमले के बाद नक्सलियों के कब्जे में कैद जवान की पत्नी मीनू मन्हास ने पीएम मोदी से की अपील.. #BijapurEncounter #Bijapur@govindtimes @rahulpandita @TanushreePande @ipskabra pic.twitter.com/LoZ2R9znkO
— संजय ठाकुर (@bastaria_sanjay) April 5, 2021
बता दें कि, 3 अप्रैल, 2021 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर एवं सुकमा के सीमावर्ती तर्रेम थाने के अंतर्गत गुण्डम, टेकलागुडम, जोनागुडम, अलीगुडम के जंगल में माआवोदियों की बटालियन पीएलजीए बटालियन नं-1 के उपस्थिति की सूचना मिली थी। जिसके उपरांत बीजापुर डीआरडी, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ का संयुक्त बल वहां के लिए निकल पड़ा। दोपहर के लगभग 12 बजे इन जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ शुरू हुई।
घायलों का इलाज
इस मुठभेड़ में डीआरजी के 8, एसटीएफ के 6, कोबरा बटालियन के 7, बस्तर बटालियन के 1 जवान ने मातृ भूमि की रक्षा में वीरगति का वरण कर लिया। इसमें 13 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिन्हें एयरलिफ्ट करके रायपुर उपचार के लिए भेजा गया है। इसके अलावा 18 जवानों का उपचार बीजापुर अस्पताल में चल रहा है।