जम्मू-कश्मीर में देशद्रोहियों और पत्थरबाजों पर और शिकंजा कसने की तैयारी है। इसी क्रम में प्रदेश प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने इसके लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार ऐसे लोगों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही पासपोर्ट बन पाएगा।
प्रशासन ने यह आदेश इसलिए जारी किया है ताकि ऐसे लोगों को न तो नौकरी मिले और न वे विदेश ही जा सकें।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 1 अगस्त को देशद्रोही और पत्थराव करने वालों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए पासपोर्ट मंजूरी पर रोक लगाने, सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य घोषित करने और अन्य तरह के प्रतिबंधों वाले आदेश जारी किए हैं।
संबंधित विभागों और अधिकारियों को आदेश जारी
जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सीआईडी की विशेष शाखा ने सभी इकाइयों और अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। साथ ही कहा गया है कि किसी व्यक्ति की जांच करते हुए अगर उसकी सुरक्षा मंजूरी की रिपोर्ट तैयार करते हैं तो उस समय यह ध्यान रखें कि संबंधित व्यक्ति किसी भी तरह की पत्थरबाजी, राज्य व राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों और कानून व्यवस्था उल्लंघन जैसी वारदातों में शामिल न हो। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई शख्स ऐसी गतिविधियों में शामिल रहता है तो उसे किसी भी तरह से पासपोर्ट या सरकारी सेवा के लिए अनुमति न दी जाए। इसके लिए सभी डिजिटल साक्ष्य और पुलिस रिकॉर्ड को ध्यान में रखा जाएगा।
ये भी पढ़ेंः ये हैं कोरोना के हॉट स्पॉट राज्य… केंद्र ने दिया गुरु मंत्र
सिविल सेवा नियमों में संशोधन
इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश ने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा नियमों में एक संशोधन किया था। उसमें सरकारी नौकरी पाने के लिए एक संतोषजनक सीआईडी रिपोर्ट आवश्यक की गई थी। इसके साथ ही लोगों को यह जानकारी भी देनी होगी कि परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार किसी प्रतिबंधित दल या संगठन के साथ तो नहीं जुड़ा रहा है।