बांग्लादेश में दुर्गा पूजा से हिंदुओं पर शुरू हुए हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शेख हसीना की सरकार बड़े दावे कर रही है, लेकिन इसके बाद भी सोमवार रात हिंदुओं की बस्तियों को लूटकर आग के हवाले कर दिया गया। देश की इस परिस्थिति पर निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने तीखी टिप्पणी की है।
तस्लीमा नसरीन ने बांग्लादेश को लताड़ा
तस्लीमा ने अपने ट्वीट में कहा है कि बांग्लादेश अब जिहादिस्तान हो गया है। हिंदू और बौद्ध बांग्लादेश में तीसरी श्रेणी के नागरिक हो गए हैं।
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Qawmi madrasas are the breeding grounds for jihadis. Bangladeshi communists always support jihadis,and justify all jihadi activities only because jihadis are against the common enemy America. Communists are not communists anymore, they have become Qawminists.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 17, 2021
देश में असंख्य मस्जिदें और मदरसे बन गए हैं, जहां युवाओं का ब्रेनवॉश किया जाता है। गांवों में धार्मिक ज्ञान का प्रसार करनेवाले अनियंत्रित रूप से अनपढ़ और आरबी भाषा न समझ पानेवाले लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इसलिए जब भी कोई अफवाह उड़ती है तो ऐसी घटनाएं होती हैं।
Last night in Pirganj, Rangpur, Bangladesh. Two Hindu villages were burnt down by jihadis. Hasina was playing flute. pic.twitter.com/ErRQQcbhH5
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 18, 2021
हसीना के बांग्लादेश में पाक परस्तों का आतंक
बांग्लादेश में जो हो रहा है उसके पीछे इस्लामी कट्टरवादी संगठनों का बड़ा हाथ है। इसे हवा मिल रही है पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की। जब हिंदू दुर्गा पूजा कर रहे थे, उस समय इस्लामी कट्टरवादियों ने हमला कर दिया, सोमवार की रात गांवों को आग के हवाले कर दिया गया है।
- बांग्लादेश की एक संस्था ‘ऐन ओ सलिश केंद्र’ के अनुसार पिछले 9 वर्षों में हिंदुओं पर 3,721 हमले हुए हैं।
- पिछले 5 वर्षों में 2021 हिंदुओं पर हमले के लिए सबसे खराब वर्ष रहा
- जनवरी 2013 से सितंबर 2021 तक 1,678 घटनाएं हिंदुओं के मंदिर पर हमलों की हुई हैं
- इन घटनाओं में आधिकारिक रूप से दर्ज घटनाएं ही सामने आई हैं
- वर्ष 2014 बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए सबसे खराब रहा, जिसमें 1,201 घर जला दिये गए
- इस वर्ष सितंबर के अंत तक 196 घर, व्यवसाय, मंदिर पर हमले हुए
चुप हैं भारत के मानवाधिकार कार्यकर्ता
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन पर हमले बढ़ रहे हैं। इसके बाद भी भारत की मानवाधिकार संस्थाएं मुंह पर ताला लगाए बैठी हैं। अफगानिस्तान में भी तालिबानियों की सत्ता आने के बाद सिखों पर खतरा निर्माण होने लगा था। इसके बाद 400 के लगभग सिखों को भारत में शरण दी गई। इन सभी घटनाओं पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी शांत बैठा हुआ है।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन, मानद संचालक – स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्ट्रेटेजिक सेंटर
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