जम्मू-कश्मीर में आतंक का अंत करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। इसके साथ ही एजेंसियों ने उनके नेटवर्क के सफाए की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। इस केद्र शासित प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय जैश और लश्कर सहित अन्य आतंकी संगठनों के अंत की पूरी तैयारी करने के बाद ये कदम उठाए जा रहे हैं।
आंतकियों के सफाए में सुरक्षा एजेसियों के सामने सबसे बड़ी बाधा स्थानीय आंतकियों की भर्ती है। जितने आतंकी ढेर किए जाते हैं, उतने भर्ती कर लिए जाते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की पहचान कर ली है। इनमें जैश के आधे दर्जन आतंकियों के आलावा हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर और अल बदर के आतंकी शामिल हैं। कश्मीर में सबसे अधिक आंतकी पुलवामा में सक्रिय हैं। पुलवामा में अभी भी दो दर्जन से अधिक आतंकी सक्रिय हैं। इनमें सबसे अधिक लश्कर के हैं। पुलवामा के बाद शोपियां का नंबर आता है। इनके साथ ही कुलगाम, श्रीनगर, अनंतनाग और बारामुला में भी बड़ी संख्या में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली है।
खुफिया इनपुट के आधार पर इनके सफाए क तैयारी कई स्तर पर की गई है। आतंकियों का जमीनी नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। एनआईए के साथ ही ईडी, सीबीआई, स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियां जमीनी स्तर पर इनके नेटवर्क को ध्वस्त कर रही हैं। इसके साथ ही वित्तीय स्रोतों, हवाला फंडिंग के खिलाफ भी ऑपरेशन चला रही हैं।
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