थल सेना प्रमुख ने चीन-पाकिस्तान की मैत्री को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। उन्होंने अपने वार्षिक संबोधन में कहा कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा पर निरंतर उकसावे की कार्रवाई कर रहे हैं। इससे मुकाबले के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से सज्ज है।
हम तय करेंगे प्रतिशोध का समय और स्थान – एमएम नरवणे
पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में प्रायोजित आतंकवाद को संचालित करने के लिए सेना प्रमुख ने भारत के रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। जबकि आतंकवाद को लेकर हम शून्य सहनशक्ति रखते हैं। हम इसका कड़ाई से उत्तर देने का अधिकार रखते हैं और उसके लिए समय और स्थान हम निश्चित करेंगे।
सेना पूर्णरूप से सतर्क
सीमा पर सुरक्षा बल अति दक्षता बरत रहे हैं। इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश तैयार कर लिये गए हैं। हम उत्तर की सीमा पर अति दक्षता बरत रहे हैं। किसी भी अनहोनी को बचाने के लिए हम इसका शांतिपूर्ण हल चाहते हैं। इस दिशा में सारे संसधानों को तैयार कर लिया गया है। सेना को तकनीकी रूप से सक्षम करने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों को प्राप्त करने और विकसित करने के लिए योजना तैयार है जिससे तकनीकी रूप से सक्षम थल सेना हो। हम बहुत स्पष्ट हैं कि आतंक बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हैं।
चीन-पाकिस्तान हैं खतरा
चीन और पाकिस्तान की मिलिभगत है और उससे उत्पन्न खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन दोनों देशों के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्र में संबंध बढ़ें हैं। इसके अनुरूप दो तरफा खतरे से मुकाबले के लिए हम तैयार हैं। हम पूर्वी लद्दाख में अपने स्थान पर डटे हुए हैं और द्विपक्षीय और साझा सुरक्षा वातावरण से इस मामले के निराकरण की उम्मीद करते हैं। भारतीय सेना पूर्णरूप से तैयार है।
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