अग्निपथ’ पर बवाल के बीच सरकार का बड़ा फैसला, इस तिथि से शुरू होगी अग्निवीरों की भर्ती

नौसेना चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार ने अग्निपथ योजना को परिवर्तनकारी बताते हुए कहा कि पहले के मुकाबले अब हम तीन गुना या चार गुना अधिक भर्ती कर सकते हैं।

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तीनों सेनाओं में भर्ती की नई ‘अग्निपथ योजना’ पर मचे देशव्यापी बवाल के बीच 24 जून से ‘अग्निवीरों’ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया गया है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सेना को उम्र में एकमुश्त छूट देने का सरकार का फैसला मिल गया है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की घोषणा की जाएगी। दूसरी तरफ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बताया कि अगले 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए 14 जून को ऐतिहासिक ‘अग्निपथ’ योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेन्स करके इस योजना के बारे में घोषणा की थी।

चार साल की सेवा
इस योजना के तहत भारतीय युवाओं को ‘अग्निवीर’ के रूप में चार साल के लिए सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। सेनाओं की ट्रेनिंग देने के बाद इन्हें पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनात किया जायेगा। सशस्त्र सेनाओं से निकलने के बाद इन ‘अग्निवीरों’ को केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों की नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।

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21 के बदले 23 वर्ष होगी उम्र
इस योजना की घोषणा के दूसरे दिन से ही देशभर में विरोध शुरू हो गया। इस बीच 16 जून देर रात केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया। सरकार ने योजना के लिए अधिकतम उम्र सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है। अब 23 वर्ष की उम्र तक के युवा इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना की घोषणा किए जाने के वक्त भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17.5 साल से 21 साल तक की आयु निर्धारित की थी। इसके पीछे तर्क दिया गया कि कोरोना के चलते दो साल तक सेना में भर्ती नहीं होने के चलते आयु सीमा में इस साल छूट दी गई है। अब अधिकारियों को छोड़कर सभी भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत ही की जाएंगी। इस साल 40 हजार भर्तियों से शुरुआत की जाएगी।

सेना प्रमुख ने जताई उम्मीद
अग्निपथ योजना पर तीसरे दिन 17 जून को बवाल के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सेना को उम्र में एकमुश्त छूट देने का सरकार का फैसला मिल गया है और जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की घोषणा की जाएगी। सेना प्रमुख ने एक बयान में कहा कि उम्र सीमा में बढ़ोतरी के फैसले का निर्णय हमारे कई युवा, ऊर्जावान और देशभक्त युवाओं के लिए एक अवसर प्रदान करेगा, जो कोरोना महामारी के बावजूद सेना की भर्ती रैलियों में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। जनरल पांडे ने कहा कि अगले 2 दिनों के भीतर http://joinindianarmy.nic.in पर अधिसूचना जारी की जाएगी और उसके बाद सेना भर्ती का विस्तृत कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी। सेनाध्यक्ष ने युवाओं से भारतीय सेना में ‘अग्निवीर’ के रूप में शामिल होने के अवसर का लाभ उठाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस योजना की जानकारी नहीं है, इसलिए वह विरोध कर रहे हैं।

युवाओं को होगा लाभ
भारत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी एक बयान में कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को संशोधित कर 23 वर्ष कर दिया गया है, इससे युवाओं को लाभ होगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि अगले शुक्रवार यानी 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अग्निपथ योजना के तहत युवा सशस्त्र बलों में शामिल हो सकेंगे। वायुसेना में तेजी से प्रौद्योगिकी आधारित वातावरण बदल रहा है, जिसके अनुकूल अग्निवीरों को उच्च-तकनीकी वातावरण में प्रशिक्षित किया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना युवाओं की योग्यता और उनके दृष्टिकोण का आकलन करेगी।

अब ज्यादा युवाओं की हो सकेगी भर्ती
नौसेना चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार ने अग्निपथ योजना को परिवर्तनकारी बताते हुए कहा कि पहले के मुकाबले अब हम तीन गुना या चार गुना अधिक भर्ती कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना से ‘अग्निवीरों’ के व्यक्तित्व का विकास हो सकता है और चार साल बाद वे तय कर सकते हैं कि उन्हें रहना है या नहीं। हरि कुमार ने कहा कि देश में राष्ट्रवादी विचार विकसित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, इससे समुदाय और सेना के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना में युवाओं को चार साल की सेवा के बाद अपने प्रोफेशनल जीवन को बदलने का विकल्प दिया गया है। चार साल सेवा के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को बरकरार रखने और 75 फीसदी को जाने देने पर एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि हम एक पारदर्शी प्रणाली की तलाश कर रहे हैं।

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