माफिया पर वॉर, सपा पर प्रहार! योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को किया क्लीन बोल्ड

राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामा करना सपाइयों को भारी पड़ा। विरोधी पक्ष नेता अखिलेश यादव समेत पूरी पार्टी को मुख्यमंत्री का कोपभाजन झेलना पड़ा।

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उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रयागराज की घटना पर दुख जताया और आश्वासन दिया कि प्रदेश में किसी भी माफिया को पनपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार माफिया को मिट्टी में मिला देगी। नेता सदन के माफिया को मिट्टी में मिला देने वाली बात पर नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति जताई और समाजवादी पार्टी के सदस्य वेल में आ गए। नारेबाजी करने लगे। विधान सभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी अपनी सीट पर वापस बैठे। मुख्यमंत्री के जोरदार हमले से समाजवादी पार्टी क्लीन बोल्ड नजर आई।

अखिलेश को दिया करारा जवाब
विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज की घटना दुखद है, सरकार ने उसका संज्ञान लिया है। जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणाम बहुत जल्द सामने आएंगे। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर ये अपराधी किसके द्वारा पाले गये हैं। जिस माफिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, क्या ये सच नहीं है कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने उसे सांसद बनाया था। आप सारे अपराधियों को पालेंगे, उनका माल्यार्पण करेंगे, उसके बाद तमाशा बनाते हैं। उन्हें गले का हार बनाएंगे फिर दोषारोपण करेंगे।

माफिया को पोषित करती है सपा
माफिया अतीक अहमद का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सपा द्वारा पोषित माफिया है। उसकी कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है। इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। जितने माफिया हैं, उन्हें मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे। नेता प्रतिपक्ष का नाम लिए बगैर कहा कि आपको सदन में व्यवधान का बहाना चाहिए था। ये (सपा) पेशेवर माफिया और अपराधियों के सरपरस्त हैं और यह लगातार यही करते रहे हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा रहा है। अपराध के अलावा कुछ सीखा नहीं है। पूरा प्रदेश इस बात को जानता है। आज सफाई देने आए हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस माफिया ने गुरुवार को ये कृत्य किया है, वह माफिया इस वक्त यूपी से बाहर है। वह सपा के सहयोग से ही बार-बार एमपी और एमएलए बना है। 1996 में इलाहाबाद वेस्ट से वह माफिया सपा के सहयोग से एमएलए बना था। 2004 में वह इन्हीं लोगों के सहयोग से एमपी बना था। 2009 में उसे सांसद बनाने का भी काम इन्हीं लोगों ने किया था। चोरी और सीनाजोरी नहीं चल सकता।

सिर्फ घोटालों के ‘खेल’ में माहिर थी पिछली सरकार
नेता सदन ने विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया। उन्होंने नेता विपक्षी दल अखिलेश यादव को उनके खेल पर दिए गए बयान पर उनके समय की याद दिलाते हुए कहा कि इनके समय में बहुत खेल होते थे। लैपटॉप घोटाले का खेल, खाद्यान्न घोटाले का खेल, गोमती रिवर फ्रंट का खेल। कैग की रिपोर्ट अभी आई है। कैग रिपोर्ट में इनके कार्यकाल का 97 हजार करोड़ के घोटाले का उल्लेख किया गया है। भर्ती घोटाले का खेल भी प्रदेश में हुआ है। भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार और प्रतिभा के साथ छल, ये भी खेल होता था और मुजफ्फरनगर के दंगे, मथुरा में रामवृक्ष कांड का खेल, शाहजहांपुर में पत्रकार को जिंदा जलाने का खेल समेत बुंदेलखंड क्राइसिस, भू माफिया के खेल चल रहे थे। यही नहीं आतंकियों पर मुकदमे वापस लेने का भी खेल चल रहा था। ये खेल कहां तक लेकर जाएंगे ये लोग। मुझे ऐसा कुछ नहीं खेलना। मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं। हर एक के साथ सद्भावना के साथ पेश आता हूं। सम्मानजनक व्यवहार करता हूं। सबका साथ और सबके विकास की बात करता हूं।

पहली बॉल में कैच आउट, ये है इनका क्रिकेट
मुख्यमंत्री योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर चुटीले अंदाज में भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यहां पर नेता विरोधी दल के मुख से खेल के बारे में एक नई चर्चा भी सुनने को मिली। वह कह रहे थे कि आप अकेले मैच क्यों देख रहे हैं। भाई मैं तो अकेला ही हूं, अकेले ही आया हूं और अकेले ही जाना है। मुझे लगा कि नेता विरोधी दल बड़े खिलाड़ी होंगे तो उनका नाम किसी पुरस्कार के लिए भेज देते हैं। मुझे लगा कि मेरे पूर्ववर्ती सीएम का नाम यदि मेजर ध्यानचंद्र खेल रत्न पुरस्कार में आ जाए तो अच्छी बात होगी। ये कैसे खेलते थे समाचार पत्रों में इसका उदाहरण देखने को मिला। इसमें लिखा था कि सीएम के आते ही बरसे रन…12वें ओवर में सीएम का शॉट सीधे कप्तान आलोक रंजन के हाथ में चिपक गया। ये क्रिकेट खेल रहे हैं, पहली बॉल में कैच आउट हो रहे हैं। लेकिन वहां से कह दिया जाता है कि ये तो नो बॉल है।

भय से ही सही, काका श्री को सम्मान तो मिला
योगी ने शिवपाल यादव का जिक्र करते हुए अखिलेश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने कहा था कि भय बिनु होई न प्रीति। इधर(भाजपा) के भय से ही सही लेकिन कम से कम काका श्री (शिवपाल यादव) को सम्मान मिलना शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने शिवपाल यादव की ओर देखते हुए कहा कि मैं जब भी आपको देखता हूं तो मुझे महाभारत का दृश्य याद आता है। आप जैसा अनुभवी व्यक्ति हर बार छला जाता है। बार-बार अपमानित होते हैं।

विपक्ष के आचरण ने गरिमा को किया तार-तार
मुख्यमंत्री योगी ने सपा को महिला विरोधी बताते हुए कहा कि जो लोग मातृशक्ति की प्रतीक राज्यपाल का सम्मान नहीं कर सकते, उनसे प्रदेश की आधी आबादी के सम्मान की उम्मीद रखना बेमानी होगा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जिस प्रकार का आचरण किया, वह सदन की गरिमा को तार-तार करने वाला था। उन्होंने सपा सरकार के दौरान हुए स्टेट गेस्ट हाउस कांड और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के ‘बच्चे हैं गलतियां हो जाती हैं’ जैसे बयान की याद दिलाते हुए विपक्ष पर तंज कसे।

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ये जिन्ना का करते हैं महिमामंडन
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष बस अवसर तलाशता है कि कैसे एक नया महाभारत रचा जाए। विपक्ष जनता को केवल भरमाने का काम करता। उन्होंने कहा कि वनटांगिया, कोल, सहरिया, धारू, चेरो, बुक्सा इन जातियों के बारे में नेता विरोधी दल को पता ही नहीं होगा। उन्हें बस एक ही जाति के बारे में पता है। इतना ही नहीं जब हम राष्ट्रगौरव की, सरदार पटेल की और राष्ट्रीय एकता की बात करते हैं, तब ये जिन्ना का महिमामंडन करते हैं। इन्हें राष्ट्र को जोड़ने वाले और तोड़ने वालों में कोई अंतर नहीं दिखता है।

लाखों करोड़ का निवेश क्रेडिबिलिटी पर मुहर
नेता सदन ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को टीम वर्क का शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि टीम यूपी ने दुनिया के 16 देशों के 21 शहरों में और देश के नौ शहरों में रोड शो किया। यही कारण है कि यूपी में निवेश की एक भारी राशि आई है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 2014, 2017, 2019 और 2022 में यूपी की जनता ने हमें जनादेश दिया। ये हमारी पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी(राजनीतिक विश्वसनीयता) का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज आया 33.52 लाख करोड़ का निवेश हमारी पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी पर मुहर है। मुख्यमंत्री योगी ने श्रीरामचरित मानस पर चल रहे विवाद को लेकर भी सपा को कटघरे में खड़ा किया।

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