योग गुरु बाबा रामदेव अब कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने अपने स्टैंड से पलटते हुए कहा कि वे टीका लगवाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों को देवदूत बताया है। एलोपैथी चिकित्सा के खिलाफ पिछले 21 मई से ही मोर्चा खोल रखे योग गुरु के इस बदले स्टैंड पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।
रामदेव ने खुद टीका लगवाने की घोषणा करने के साथ ही अन्य लोगों से भी वैक्सीन लगवाने की अपील की। योग गुरु ने कहा कि योग और आयुर्वेद के साथ ही वैक्सीन लगवाना भी जरुरी है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से सबके मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की प्रशंसा की।
पहले कही थी ये बात
बाबा ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि वे कोरोना वायरस रोधी टीका नहीं लगवाएंगे। वे योग और आयुर्वेद की डबल डोज ले रहे हैं। इसलिए उन्हें टीका लगवाने की जरुरत नहीं है। लेकिन अब बाबा ने पलटी मार दी है। ऐसा लगता है, वे एलोपैथी चिकित्सा को लेकर दिए गए अपने बयान के बाद जारी विवाद को समाप्त करने के मूड में हैं।
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय दिवस
बता दें कि 21 जून से मोदी सरकार ने देश में 18 से ऊपर वाले सभी लोगों के मुफ्त टीकाकरण करने की घोषणा की है। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर भारत के साथ ही विदेशों में भी योग से संबंधी कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।
मा.श्री@narendramodi जी को जनऔषधि केंद्र इसलिए खोलने पड़े,
क्योंकि कुछ लोग मूल औषधियों को ब्रांडेड के नामपर कई गुना ज्यादा दामों पर बेचकर आर्थिक शोषण कर रहे थे,आपके संज्ञान हेतु हमकुछ औषधियों की मूल्यसूची प्रस्तुत कर रहेहैं,
इसी वेदनासे पीड़ित व द्रवित होकर हमने ड्रग माफिया कहा. pic.twitter.com/k6yhA7pKtf— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) June 8, 2021
क्या अब समाप्त होगा विवाद?
योग गुरु ने 21 मई को एलोपैथी चिकित्सा पर सवल उठाते हुए इसे मूर्खतापर्ण विज्ञान बताया था। हालांकि बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा उनके बयान को लेकर आपत्ति जताए जाने के बाद योग गुरु ने माफी मांग ली थी, लेकिन इसके बावजूद उनके नए और विवादास्पद बयान आने से देश के एलोपैथिक डॉक्टर काफी नाराज थे। उम्मीद है कि बाबा के इस बयान के बाद उनकी नाराजगी दूर हो जाएगी और विवाद पर विराम लग जाएगा।