भारत को देखने का दुनिया का बदला नजरिया, बजट सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण की खास बातें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूस से संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि बीते नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। उन्होंने कहा कि अमृत काल का यह 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा कर दिखाने के हैं।

भारत के लोगों ने देखा सकारात्मक परिवर्तन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में अपने पहले अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है।

भ्रष्टाचार लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है। हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं आज इस सत्र के माध्यम से देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो बार एक स्थिर सरकार को चुना है।

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देशहित सर्वोपरि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई। उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है। यह 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा कर दिखाने के हैं।

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