समस्याओं से घिरे तो पीओके चले

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगिट बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का ऐलान किया है। गिलगिट में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने इस फैसले की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने इसी महीने वहां चुनाव कराने का भी ऐलान किया है।
अबतक हर मंच पर पाकिस्तान कश्मीर राग अलापता रहा है, लेकिन अब इमरान खान ने पीओके राग अलापना शुरू कर दिया है। इसके पीछे हैं ये पांच कारणः

विपक्ष के हमले से बचने की कोशिश
पाकिस्तान में दिनोंदिन इमरान सरकार के खिलाफ विफक्षी दलों का हमला तेज होता जा रहा है। 18 अक्टूबर को उनकी सरकार के खिलाफ विपक्ष ने बड़ी रैली निकालकर उसे उखाड़ फेंकने की घोषणा की है। 11 पार्टियों की इस रैली से घबराए इमरान खान ने देश के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गिलगिट-बाल्टिस्तान का राग छेड़ दिया है। पाकिस्तान के गुजरांवाला के जिन्ना स्टेडिय में आयोजित इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन से संबोधित किया था।

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लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश
बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से पाकिस्तान की जनता त्रस्त है और इससे उनमें इमरान सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस वजह से इमरान खान बार-बार कश्मीर राग अलापने के साथ ही अब नया मुद्दा उठाकर लोगों में भ्रम फैलाना चाहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय जगत को गुमराह करने की कोशिश
हाल ही में पाकिस्तान विधानसभा के पूर्व स्पीकर एयाज सादिक द्वारा भारत के जांबाज पायलट अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद सेना प्रमुख जनरल बाजवा और अन्य नेताओं की हालत का संसद में खुलासा किए जाने से इमरान सरकार और वहां की सेना की सच्चाई उजागर हो गई है। इस वजह से इमरान खान ने नया शिगुफा छोड़कर अपने विरोधियों और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है।

पाकिस्तान की इस साजिश के पीछे चीन
भारत से बढ़ रहे तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तान को उकसाना शुरू कर दिया है। वह पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर भारत को निशाना बनाना चाहता है। गिलगिट और पाकिस्तान को प्रांत का दर्जा दिए जाने के पीछे भी चीन का हाथ बताया जा रहा है। इससे पहले भी चीन की शह पर पाकिस्ताना द्वारा भारत के खिलाफ साजिश रचे जाने के कई मामले उजागर हो चुके हैं। पाकिस्तान की इमरान सरकार चीन के सामने मजबूर है क्योंकि चीन अकेला देश है, जो उसकी साथ दे रहा है।

क्षेत्र में बाहरी  लोगों को बसाना चाहता है पाक
बाहरी लोगों को इन क्षेत्रों में बसाकर पाकिस्तान वहां लोगों का अनुपात बदलना चाहता है, ताकि वहां के स्थानीय लोगों का  क्षेत्र में प्रभाव कम हो सके। क्योंकि फिलहाल स्थानीय लोग इस क्षेत्र में इमरान सरकार के फैसले को ज्यादा तवज्जो नहीं देते। इसलिए जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि पाकिस्तान की इमरान सरकार गिलगिट बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देना चाहती है, लोगों ने उसका विरोध शुरू कर दिया। 8 अक्टूबर को भी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन व स्टूडेंट लिबरेशन के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने इमरान सरकार के विरोध में उग्र आंदोलन किया था।

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