छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर में वीरगति को प्राप्त 22 सुरक्षाकर्मियों का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचने लगे हैं। बीजापुर के पास आवापल्ली गांव में सोमैय्या मडवी नामक जवान का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो वहां शोक की लहर फैल गई। यही हाल अन्य गांवों का भी है। यह इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। हमले के बाद हुई मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे, जबकि 32 घायल हो गए हैं। इस मुठभेड़ में 12 नक्सली भी मारे गए हैं। हमले के पीछे 25 लाख के इनामी नक्सली हिडमा का शातिर दिमाग बताया जा रहा है।
इस बीच खबर है कि नक्सलियों ने एक सुरक्षाकर्मी को बंधक बना लिया है। फिलहाल उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। मुठभेड़ के बाद से ही वे लापता हैं। उनके परिवार ने मीडिया को बताया कि हमले के बाद से उनसे कोई बातचीत नहीं हो पाई है।
‘बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा’
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदालपुर पहुंचकर वीरगति को प्राप्त बहादुर जवानों को श्रद्धांजली दी। उन्होंने घोषणा की है कि इन बहादुरों की बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का समय आ गया है।
#WATCH: Union Home Minister Amit Shah and Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel lay wreath at the coffins of 14 security personnel who lost their lives in the Naxal attack, in Jagdalpu pic.twitter.com/fyHZSE6mjG
— ANI (@ANI) April 5, 2021
‘खुफिया विफलता नहीं’
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दावा किया है कि यह हमला खुफिया विफलता की वजह से नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि लगभग 2000 सैनिकों को एक ऐसे क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए भेजा गया था, जो नक्सलियों का गढ़ है। इस कारण वे निराश थे। यह कोई खुफिया विफलता नहीं थी। हम निश्चित रूप से वहां कैंप लगाएंगे। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।
About 2000 soldiers were sent to install camps in an area which is Naxal bastion.This would restrict their movement, hence they were frustrated.There was no intelligence failure. We'll surely install camps there. My condolences to bereaved families: Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel pic.twitter.com/bbfApYZzgw
— ANI (@ANI) April 4, 2021
इनामी नक्सली हिडमा का शातिर दिमाग
इतने बड़े नक्सली हमले के पीछे 25 लाख के इनामी नक्सली नेता हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। आखिर आस्तिन का सांत हिडमा कौन है, जो अपने ही घर, अपने ही देश में इस तरह के हमले करा रहा है?
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पीएलजीए का बटालियन चीफ
हिडमा सुकमा जिले के पुआरती गांव का रहनेवाला है। 90 के दशक के दौरान वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। वह पीपल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) का बटालियन चीफ है। उसका असली नाम मांडवी इंदुमल उर्फ हिडमा है। इस ग्रुप में 300 से ज्यादा नक्सली हैं। इसमें महिला नक्सली भी शामिल हैं। उसका कोई हालिया तस्वीर उपलब्ध नहीं। इस वजह से सुरक्षाबलों के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई करने में परेशानी हो रही है। एनआईए ने भीम मांडवी मर्डर मामले में इस के खिलाफ चार्जशीट यादर की थी।
सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारियों ने पहले ही दी थी चेतावनी
इस हमले से पहले मार्च 2021 में सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारियों ने सुरक्षा बलों को चेतावनी दी थी। पूर्व आरपीएफ डीजी दिलीप त्रिवेदी का कहना था कि सुरक्षा बलों को अलर्ट रहना चाहिए, ताकि उन्हें किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े। उनका कहना था कि हिडमा खतरनाक नक्सली है और वह कई ऑपरेशन से बचकर निकल गया है। पूर्व डीजी सीआरपीएफ दुर्गा प्रसाद ने कहा था कि हिडमा के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़े ऑपरेशन किए लेकिन उन सबमें वह चकमा देकर निकल गया। वह एक कुख्यात नक्सली है।