पश्चिम बंगाल में कोरोना की सुनामी, चुनाव आयोग की बैठक शुरू

मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) पश्चिम बंगाल ने 16 अप्रैल को कोरोना महामारी के दौरान चुनाव प्रचार से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

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पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में कोरोना संक्रमण एक बड़ी समस्या बन गई है। अभी तक यहां चार चरण में ही चुनाव कराए गए हैं, जबकि इतने ही चरण में मतदान होने बाकी हैं। लेकिन इस बीच कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकेप ने पार्टी नेताओं के साथ ही चुनाव आयोग को भी मुश्किल में डाल दिया है। हालांकि संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के बीच भी सभी प्रमुख पार्टियों के चुनाव प्रचार जारी हैं। उनकी सभाओं और रैलियों में कोरोना से बचने के दिशानिर्देश की धज्जियां उड़ रही हैं। इस हालत में समय रहते चुनाव आयोग ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) पश्चिम बंगाल ने 16 अप्रैल को कोरोना महामारी के दौरान चुनाव प्रचार से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

पश्चिम बंगाल में अभी चार चरणों में मतदान बाकी है। 17, 22, 26 और 29 अप्रैल को यहां मतदान कराए जाने हैं।

संक्रमण पर राजनीति
पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बाहर से आनेवाले लोग प्रदेश में कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं।

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तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण
पिछले कई दिनों से पश्चिम बंगाल में हर दिन चार हजार से अधिक नए मामले आ रहे हैं। 12 अप्रैल को यहां संक्रमण के कुल 4511 मामले आए , जबकि 14 लोगों की जान चली गईं। इसके साथ ही यहां इस बीमारी से मृत्यु दर बढ़कर 1.7 प्रतिशत हो गई है। यह देश में तीसरे क्रमांक पर है। बंगाल से आगे पंजाब और सिक्किम ही हैं। निश्चित रुप से चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से यहां कोरोना के नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है, वह एक बड़ा मुद्दा है और इसका भयंकर परिणाम हो सकता है।

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