मनी लॉन्ड्रिंग मामलाः राउत को राहत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ! पढ़ें, आदेश की मुख्य बातें

शिवसेना सांसद संजय राउत को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। संजय राऊत को जमान पर छोड़ते हुए सत्र न्यायालय ने जो आदेश दिये हैं, उनमें दो प्रमुख टिप्पणियां सामने आई हैं।

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शिवसेना सांसद संजय राउत को जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने ईडी की जमानत पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत पर स्थगन देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद राउत को जेल से बाहर आना तय है। इससे पहले बॉम्बे सेशंस कोर्ट ने उन्हें पत्रावाला चॉल में जमानत दे दी थी।

न्यायालय के आदेश की दो मुख्य बातेंः
संजय राऊत को जमान पर छोड़ते हुए सत्र न्यायालय ने जो आदेश दिये हैं, उनमें दो प्रमुख टिप्पणियां सामने आई हैं।

-राकेश वाधवान और सारंग वाधवान मुख्य आरोपी हैं, जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि, संजय राऊत और प्रवीण राऊत को गिरफ्तार किया गया है। यह स्पष्ट रूप से असमानता है, प्रवर्तन निदेशालय का यह इन्हें चुनो, उन्हें छोड़ो वाला व्यवहार है।

-यदि न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय और म्हाडा के पक्ष को स्वीकार करती है तो यह एजेंसी के इन्हें पकड़ो, उन्हें छोड़ो वाली कार्रवाई वाली का समर्थन करना होगा। जनसामान्य का इससे न्याय व्यवस्था पर विश्वास उठ जाएगा।

बॉम्बे सेशंस कोर्ट से राहत
शिवसेना नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत की जमानत अर्जी को 9 नवंबर को बॉम्बे सेशंस कोर्ट ने मंजूरी दे दी। करीब 3 महीने बाद वे जेल से छूटेंगे। पात्रा चॉल के घोटाला मामले में 31 जुलाई को संजय राउत को गिरफ्तार किया गया था। इस बीच ईडी ने उच्च न्यायालय से जमानत पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

यह है पूरा मामला
ठाकरे समूह के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल घोटाले के मामले में 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उसके बाद संजय राउत को पहले ईडी और फिर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। राउत तब से आर्थर रोड जेल में हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय राउत पात्रा चॉल घोटाला मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। पात्रा चॉल घोटाले मामले का विकास प्रवीण राउत देख रहे थे। उन्हें एचडीआईएल ग्रुप से 112 करोड़ रुपये मिले थे। जिसमें से 1 करोड़ 6 लाख 44 हजार रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में ट्रांसफर किए गए। इसी पैसे से अलीबाग की जमीन खरीदी गई।

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राउत परिवार को सीधा आर्थिक लाभ
पात्रा चॉल घोटाले से राउत परिवार को सीधा आर्थिक लाभ हुआ है। ईडी ने आरोप लगाया है कि प्रवीण राउत, जिनका नाम इस मामले में शुरू में लाया गया था और जिन पर मुकदमा चलाया गया था, केवल नाम के थे, संजय राउत इस मामले में असली आरोपी हैं।

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