वॉकआउट नहीं वॉकओवर! कृषि बिल पर कांग्रेस सेना-राकांपा से गुस्साई

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मुंबई। किसान बिल को लेकर विपक्षी पार्टियां एनडीए सरकार का चौतरफा विरोध कर रही हैं। लोक सभा में यह बिल पास होने के बाद मोदी सरकार को आशंका थी कि विपक्ष के विरोध के कारण कहीं राज्य सभा में यह अटक न जाए। इसलिए उसने राज्य सभा में अपनी राजनीतिक चाल चली, जिसके चलते जब किसान बिल सदन में पारित होने के लिए लाया गया तो वहां से शिवसेना और राकांपा के सांसद सदन में बिना कुछ बोले वॉक आउट कर गए और किसान बिल दो तिहाई बहुमत से लोकसभा के बाद राज्य सभा में भी पास हो गया ।
शिवसेना और राकांपा से कांग्रेस नाराज
संसद के दोनों सदनों मे किसान बिल पास होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने हाय- तौबा मचाना शुरु कर दिया है। साथ ही इस बिल पर शिवसेना, राकांपा के रुख से महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस नाराज हो गई है। राज्य सभा सांसद एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य मंत्री अशोक चव्हाण ने किसान बिल को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि शिवसेना और राकांपा के सांसद जान-बूझकर बिल पेश होते समय सदन से बाहर चले गए। इसके चलते सदन में विरोधी सदस्यों की संख्या कम हो गई और मोदी सरकार बिल पास कराने में सफल हो गई।
महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना,राकांपा और कांग्रेस गठबंधन यानी महा विकास अघाड़ी की सरकार है। ऐसे में शिवसेना और राकांपा के इस रवैये से कांग्रेस को जोर का झटका लगना स्वाभाविक है, क्योंकि सदन में जहां कांग्रेस किसान बिल का हंगामेदार ढंग से विरोध कर रही थी, वहीं उसकी इन सहयोगी पार्टियों ने वॉक आउट कर मोदी सरकार को वॉक ओवर करने का मौका दे दिया।
किसान बिल पर पवार का बयान हास्यास्पद
किसान बिल पर मचे घमासान को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुंबई में एक पत्रकार परिषद में जो बयान दिया है, वह काफी हास्यास्पद है। उन्होंने कहा है कि राज्य सभा में बिना चर्चा के भाजपा ने यह बिल पास करा लिया। हमें बताया भी नहीं गया। हमारे सांसद उस समय कैंटीन में चाय पी रहे थे। एनडीए ने उसी का फायदा उठाकर किसान बिल राज्य सभा में पास करा लिया, जो गलत है। मैं किसान बिल का समर्थन नहीं करता और विरोध के तौर मंगलवार को उपवास रख रहा हूं।
पवार की चाल
शरद पवार सियासत के चाणक्य माने जाते हैं। उन्हें पता है कि किसान बिल पर उनकी पार्टी के अबतक के रुख से कांग्रेस नाराज हो जाएगी। इसलिए उन्होंने पहले से ही इस तरह की चाल चलकर कांग्रेस को भरोसा दिलाना शुरू कर दिया है कि राज्य सभा में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है और हमारी पार्टी का कोई कसूर नहीं है।

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