शरद पवार की ‘उस’ बैठक को भाजपा ने बताया असंवैधानिक, ठाकरे सरकार पर दागा ‘यह’ सवाल

राकांपा प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र राज्य परविहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल को समाप्त करने को लेकर कोशिश करनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में उन्होंने हाल ही में एक बैठक की थी। लेकिन उस बैठक को भाजपा ने असंवैधानिक बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है।

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने 10 जनवरी को राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब और 22 यूनियनों की एक कृति समिति के साथ सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बैठक कर एसटी कर्मचारियों की हड़ताल का समाधान निकालने का प्रयास किया। राज्य सरकार में महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के विलय की मांग को लेकर दो महीने से अधिक समय से एसटी कर्मी की हड़ताल की पृष्ठभूमि में यह बैठक आयोजित की गई थी।

इस दौरान पवार ने आश्वासन दिया कि काम पर आने पर एसटी कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। चर्चा के सकारात्मक होने के साथ ही एसटी हड़ताल पर समझौता होने के संकेत मिल रहे हैं।

भाजपा ने बैठक को बताया असंवैधानिक
अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति में हुई इस बैठक पर भारतीय जनता पार्टी ने नाराजगी जताई है। भाजपा विधायक राम कदम ने सवाल पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री ने शरद पवार को प्रभार दिया है? उन्होंने आरोप लगाया है कि शरद पवार ने संविधान का उल्लंघन कर मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की है।

राम कदम का ट्वीट
राम कदम ने अपने ट्वीट में कहा है,”क्या मुख्यमंत्री ने अपना प्रभार माननीय शरद पवार को दे दिया है? और यदि नहीं तो वे संविधान का उल्लंघन करते हुए मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक कैसे कर सकते हैं? और अगर शरद पवार को बैठकें करनी ही हैं तो मुख्यमंत्री उन्हें प्रभार क्यों नहीं देते? ”

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