कृषि बिल पर भिड़ गए अकाली दल और कांग्रेस के सांसद!

बहस के दौरान बिट्टू ने हरसिमरत कौर बादल की ओर इशारा करते हुए कहा,'पहले ये मंत्री थीं..अब ड्रामा कर रही हैं.. इन्होंने सदन में बैठकर कृषि बिलों को पास कराया।'

145

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष हमलावर है। संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी कांड के साथ ही कृषि कानूनों का भी मुद्दा गरमाया हुआ है। इन मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी अकेली दिख रही है। कांग्रेस के साथ ही शिरोमणि अकाली दल भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रही है। लेकिन अब इनकी सच्चाई सामने आ गई है।

दरअस्ल दिल्ली में सैड की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अपने समर्थकों के साथ कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं। तभी वहां कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पहुंच गए और सैड के प्रदर्शन को दिखावा और नकली बताते हुए कृषि बिलों को पास होने के लिए हरसिमरत कौर बादल को जिम्मेदार ठहराया। इस बात को लेकर दोनों में जमकर बहस हो गई।

‘तब ये मंत्री थीं, अब ड्रामा कर रही हैं’
बहस के दौरान बिट्टू ने हरसिमरत कौर की ओर इशारा करते हुए कहा,’पहले ये मंत्री थीं..अब ड्रामा कर रही हैं.. इन्होंने सदन में बैठकर कृषि बिलों को पास कराया। ये सदन में मौजूद थीं, जब कृषि बिलों को पारित किया जा रहा था। उन्होंने सदन में एक शब्द भी नहीं बोला, घर जाकर इस्तीफा दिया। ये कैबिनेट मंत्री थीं, बिल कैसे पास हुआ?’

इनके साथ कैसी एकता?
यही नहीं, केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की बजाय आपस में उलझने के प्रश्न पर बिट्टू ने कहा कि इनके साथ हम कैसी एकता करें, इन्हीं लोगों ने तो संसद में बिल पास कराए थे और अब विरोध का ड्रामा कर रहे हैं।

ये भी पढ़ेंः साइकिल पर राहुल… शाह के दर पवार! क्या ये नई लामबंदी है

वॉक आउट कर आपने बिल पास करवाया
दूसरी ओर हरसिमरत कौर ने कहा,’आप बताइए कि जब कृषि बिलों को पास किया जा रहा था तो आपके नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी कहां थे? उन्होंने वॉक आउट कर बिल पास करने में मदद की। आपकी पार्टी आज भी किसानों के साथ नहीं है। आपकी पार्टी किसान विरोधी है।’

सदन में साथ, बाहर अपनी-अपनी राह
बता दें कि 30 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के दौरान नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस ने भी केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन 4 अगस्त को इनकी सच्चाई सामने आ गई।

ये है कारण
बता दें कि पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और प्रदेश में कांग्रेस तथा सैड में आमन-सामने की टक्कर रहती है। इन दोनों के उलझने का यह एक बड़ा कारण हो सकता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.