Veer Savarkar: वीर सावरकर मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की लगाई क्लास, जानें क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा है, "स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान न दें।"

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Veer Savarkar: 2023 में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर निकले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने स्वातंत्र्य वीर सावरकर (Swatantrya Veer Savarkar) के बारे में अपमानजनक बयान दिया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 25 अप्रैल (आज) इस मामले में राहुल गांधी को फटकार लगाई है।

अदालत ने कहा, “हम किसी को भी स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बुरा बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं? यदि आप भविष्य में ऐसा कोई बयान देंगे तो हम उसका संज्ञान लेंगे और स्वयं कार्रवाई करेंगे।”

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राहुल गांधी को फटकार
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा है, “स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान न दें।” इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी। अदालत ने राहुल को जारी समन रद्द करने से इनकार करने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी है।

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क्या बात क्या बात?
यह मानहानि का मामला 17 नवंबर 2022 का है। जब राहुल ने महाराष्ट्र के अकोला जिले में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक रैली में सावरकर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद 2023 में वकील नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अकोला में मीडिया को एक पत्र दिखाया था। राहुल गांधी ने कहा था कि यह पत्र सावरकर ने अंग्रेजों को लिखा था।

इसमें उन्होंने कहा कि वह अंग्रेजों के नौकर ही बने रहेंगे। डर के मारे उसने माफी भी मांगी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे वर्षों तक जेल में रहे। गांधी, नेहरू और पटेल ने किसी भी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये। सावरकर ने इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर इसलिए किये थे क्योंकि उन्हें डर था। यदि वे भयभीत न होते तो कभी हस्ताक्षर न करते। जब सावरकर ने हस्ताक्षर किए, तो उन्होंने भारत के गांधी और पटेल को धोखा दिया।

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