असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने वीर सावकर को महान स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त बताया है। उन्होंने कहा है कि सावरकर ने नए भारत का सपना देखा था। वे गुवाहाटी स्थित आईटीए सेंटर में वीर सावरकर पर लिखित उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की पुस्तक वीर सावरकर – द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन पर चर्चा में शामिल हुए थे। चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी और देशभक्त थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपार योगदान दिया। पुस्तक महान आत्मा पर अनकहे तथ्यों को सामने लाती है और वीर सावरकर तथा मातृभूमि के लिए उनके प्रेम के बारे में जानने में मदद करती है।
वीर सावरकर के जीवन दर्शन में अथाह देश प्रेम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर ने नए भारत का सपना देखा था। उन्होंने सभी के लिए समान सम्मान की वकालत की और भारत के विभाजन का विरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के विकास में तेजी लाने के लिए अपने देश से प्रेम करना होगा। वीर सावरकर के जीवन और दर्शन को करीब से देखने से देश और देशवासियों के लिए उनके अमिट प्रेम का आभास होता है।
युवा पीढ़ी को देश की संस्कृति और इतिहास से अवगत कराने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा, “हमारी युवा पीढ़ी को अपने देश की संस्कृति और इतिहास से अवगत कराने की तत्काल आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश का पाठ्यक्रम राष्ट्र के महान लोगों के कार्यों और दर्शन को पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित नहीं कर सका। स्वामी विवेकानंद, श्रीमंत शंकरदेव, लचित बरफुकन जैसे महापुरुषों को स्कूल के पाठ्यक्रम में पर्याप्त रूप से चित्रित किया जाना चाहिए था। श्रीमंत शंकरदेव ने भारतीय संस्कृति को उत्तर पूर्व में लाया और राष्ट्रवाद के एक सेतु और नायक के रूप में कार्य किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण राष्ट्रीय गाथा के अध्यक्ष हबीब मोहम्मद चौधरी ने दिया। वहीं, पुस्तक के लेखक उदय माहूरकर ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।