वरुण गांधी थामेंगे कांग्रेस का हाथ? ये हैं कारण

उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड और पंजाब जैसे अहम राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में वरुण गांधी की बयानबाजी भाजपा के लिए घातक साबित हो सकती हैं।

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भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से सांसद वरुण गांधी और पार्टी के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। पार्टी के पूर्व महासचिव वरुण पिछले काफी दिनों से हाशिये पर हैं। इसका कारण उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियां और बयानबाजी हैं। फिलहाल उनके पास न तो संगठन में कोई पद है और सरकार में ही स्थान दिया गया है। ताजा मामला लखीमपुर खीरी का है। इस मुद्दे पर भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन वरुण की नाराजगी का बड़ा कारण माना जा रहा है। इस स्थिति में उनके पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है।

नई कार्यकारिणी में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को कोई स्थान नहीं दिया गया है। इससे पहले दोनों नेता कार्यकारिणी में शामिल थे। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कार्यकारिणी के पुनर्गठन में 25 -30 प्रतिशत सदस्य बदल दिए जाते हैं। इस बार भी पार्टी के कई बड़े नेताओं को बदल दिया गया है।

वरूण के परिवार की नाराजगी का कारण
मेनका और वरुण गांधी दोनों गांधी परिवार के सदस्य हैं, इसलिए इनके कार्यकारिणी से हटाए जाना सुर्खियों में है। वास्तव में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मेनका गांधी को मंत्री नहीं बनाया गया था। इसके बाद से भाजपा और उनके परिवार के बीच दूरी दिखने लगी थी। वरुण गांधी पार्टी के कार्यक्रमों में ज्यादा रुचि नहीं लेते। पिछले दिनों उन्होंने यह बयान देकर पार्टी की नाराजगी और बढ़ा दी कि उन्हें नहीं मालूम था कि वे कार्यकारिणी में थे भी या नहीं।

लखीमपुर खीरी कांड के बाद बढ़ रही है दूरी
अब उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड और पंजाब जैसे अहम राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में वरुण गांधी की बयानबाजी भाजपा के लिए घातक साबित हो सकती हैं। वे जहां लखीमपुर खीरी मामले में आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़े हैं, वहीं उन्होंने इस घटना को लेकर सरकार को पत्र लिखकर आग में घी डालने का काम कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने इसे किसान बनाम सिख संघर्ष साबित करने के प्रयास किए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि भाजपा ने उनके बयान को कोई ई तवज्जो नहीं दिया है और वह उनके किसी भी बयान पर प्रतिक्रिया देने से बच रही है, लेकिन पार्टी के भीतर उनको लेकर नाराजगी चरम पर पहुंचती दिख रही है। दूसरी और वरुण गांधी भी अपनी बयानबाजी से बाज आते नहीं दिख रहे हैं।

कांग्रेस में जा सकते हैं वरुण
इस स्थिति में उन्हें पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि वे अगर भाजपा छोड़ते हैं को कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि यह उनके परिवार की पार्टी है और यहां उन्हें उचित महत्व और स्थान दिया जा सकता है।

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