संयुक्त राष्ट्र संघ: स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर विचार, एक देश ने अटकाया रोड़ा!

सुरक्षा परिषद की संरचना में बदलाव के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के दो तिहाई मतों के अलावा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के सकारात्मक मतों की जरूरत है।

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संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अधिकांश देश सुरक्षा परिषद के विस्तार पर सहमत हैं, हालांकि वीटो के अधिकार का मुद्दा अभी उलझा हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अभी पांच देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका स्थायी सदस्य हैं। इन्हें वीटो का अधिकार भी मिला हुआ है। भारत सहित कई देश लंबे समय से दुनिया के बदलते स्वरूप के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की मांग कर रहे हैं।

वीटो के अधिकार पर भ्रम
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि, सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल सुरक्षा परिषद के विस्तार और परिषद के नए स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार दिये जाने से संबंधित है। यह सदस्य देशों का अंदरूनी मामला है और इससे संबंधित वार्ताओं में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का हस्तक्षेप नहीं है।

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चीन कर रहा विरोध
गुटेरेस ने कहा कि अमेरिका और रूस स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों की संख्या में विस्तार के पक्ष में होने का संकेत दे चुके हैं। कुछ समय पहले ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख दिखाया है। हालांकि, इन देशों ने वीटो के अधिकार पर कुछ प्रतिबंधों के साथ प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की संरचना में बदलाव के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के दो तिहाई मतों के अलावा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के सकारात्मक मतों की जरूरत है। मौजूदा स्थाई सदस्यों में चीन को छोड़ कर अन्य चारों देश सुधार के पक्ष में हैं।

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