जून में अमित शाह फिर जाएंगे बंगाल, ये है उद्देश्य

केंद्रीय मंत्री अमित शाह का जून में प्रस्तावित यात्रा को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है। वर्तमान सप्ताह में कोलकाता की अपनी यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, राज्य के शीर्ष नेताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक की।

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2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के लिए मछली की आंख की तरह महत्वपूर्ण बन चुके पश्चिम बंगाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का तीसरा दौरा अगले महीने ही होने वाला है। वह दो दिन पहले ही नौ मई को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर कोलकाता में अपना एक दिवसीय कार्यक्रम पूरा कर वापस लौटे हैं।

प्रदेश भाजपा सूत्रों ने 11 मई को बताया है कि जून में एक बार फिर वह कोलकाता आएंगे। उस समय वे पश्चिम बंगाल में भाजपा की सांगठनिक स्थिति का आकलन करेंगे। हालांकि तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।

पार्टी के संघठनात्मक ढांचे की समीक्षा करना उद्देश्य
अमित शाह ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती समारोह के अवसर पर इस सप्ताह राज्य के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पार्टी के राज्य नेतृत्व को यह आश्वासन दिया है। हालांकि, राज्य समिति के एक सदस्य ने कहा कि अगले महीने शाह की संभावित यात्रा का उद्देश्य राज्य में पार्टी के संघठनात्मक ढांचे की समीक्षा करना और इस साल होने वाले पंचायत चुनावों की पृष्ठभूमि में खामियों को दुरुस्त करना होगा।

शाह की हो सकती है सभा
सूत्रों ने बताया,’पार्टी की राज्य इकाई द्वारा शाह की एक जनसभा की व्यवस्था करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे, जैसा कि उन्होंने अप्रैल में बीरभूम जिले के सूरी में किया था। जहां उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य की 42 में से 35 लोकसभा जीतती है तो तृणमूल कांग्रेस की राज्य सरकार 2025 से पहले भी गिर सकती है।

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वरिष्ठ नेताओं के साथ की बैठक
वर्तमान सप्ताह के दौरान कोलकाता की अपनी यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, राज्य के शीर्ष नेताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक की। उन्होंने नेताओं से कहा कि पंचायत चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर जिलों का दौरा करें, ताकि जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी के काम के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

स्थानीय नेताओं को दिया निर्देश
एक नेता ने कहा, ‘केन्द्रीय गृह मंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया है कि नेतृत्व को ग्रामीण निकाय चुनावों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह ही गंभीरता से लेना चाहिए। क्योंकि पंचायत चुनावों में पार्टी के नतीजे 2024 लोकसभा चुनाव की बड़ी लड़ाई के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों की दिशा दिखाएंगे।

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