महाराष्ट्र के दबंग भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद नारायण राणे के साथ ही नंदुरबार की सांसद डॉ. हीना गावित को भी केद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा चरम पर है। राणे फिलहाल दिल्ली में हैं और कहा जा रहा है कि उन्हें दिल्ली से फोन कर बुलाया गया है। वहीं हीना गावित की ओर से बताया गया है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है और फिलहाल वे अपने संसदीय क्षेत्र नंदुरबार में हैं।
राणे और हीना गावित को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के कई कारण माने जा रहे हैं। ये दोनों ही जनाधारा वाले नेता हैं और भविष्य में इनसे पार्टी को अपनी जड़ें मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
राणे के मंत्रिमंडल में शामिल करने के कारण
कट्टर शिवसेना विरोधी
नारायण राणे कभी कट्टर शिवसैनिक हुआ करते थे, लेकिन अब वे कट्टर शिवसेना विरोधी हैं। पूर्व शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के आशीर्वाद से वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे और उनकी मौजूदगी में ही उन्होंने शिवसेना छोड़ भी दिया था। राणे के शिवसेना छोड़ने की वजह उद्धव ठाकरे से उनका तालमेल न बैठना माना जाता है। भाजपा में आने के बाद राणे ने उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा था। फिलहाल शिवसेना और भाजपा में दुश्मनी है। इस स्थिति में राणे को और भी ताकतवर बना कर भाजपा उनका इस्तेमाल शिवसेना पर हमला करने के लिए कर सकती है।
मराठा आरक्षण
महाराष्ट्र आरक्षण का मुद्दा प्रदेश की महाविकास आघाड़ी की मुश्किलें बढ़ा रहा है। इस मुद्दे को अगले चुनाव में भुनाने की सभी पार्टियां तैयारी कर रही हैं। नारायण राणे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखी है और इसे लेकर उद्धव ठाकरे के साथ ही महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधा है। इस स्थिति में भाजपा राणे के माध्यम से मराठा युवकों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि मराठा आरक्षण की राणे की अध्यक्षता वाली समिति ने सिफारिश की थी।
बीएमसी चुनाव
देश भर में सबसे अमीर महानगरपालिका के रुप में मशहूर बीएमसी का 2022 में चुनाव होना है। पिछले 26 सालों से बीएमसी में शिवसेना सत्ता में है। भाजपा इस बार शिवसेना को बीएमसी से बेदखल करने की रणनीति बना रही है। इसके लिए अतुल भातखलकर जैसे मराठा नेता को जिम्मेदारी दी गई है। इस स्थिति में अगर राणे को मंत्री बनाया जाता है तो भाजपा को काफी लाभ मिल सकता है।
भाजपा में शामिल हुए नेताओं को संदेश
चुनाव के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर कई नेता भाजपा में शामिल हुए थे। उस दौरान उन्हें कहा गया था कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में सत्ता में आती है तो उन्हें सत्ता की मलाई खाने को मिलेगी, लेकिन ऐसा हो न सका। फिलहाल पार्टी के महत्वपूर्ण पद भाजपा के निष्ठावान नेताओं के पास ही है। जो नेता भाजपा में शामिल हुए थे, अब उन्हें सम्मान देकर भाजपा रोकना चाहती है। राणे भाजपा में आए हुए नेता हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें मंत्री बनाकर बाकी नेताओं को यह संदेश देना चाहती है कि उनका नंबर भी आएगा।
ये भी पढ़ेंः मंत्रिमंडल विस्तारः दिल्ली पहुंचे नारायण राणे
मजबूत जनाधार वाले नेता
महाराष्ट्र में मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर, रावसाहब दानवे और संजय धोत्रे मंत्री हैं। इनमें से गडकरी को छोड़कर किसी का भी जनाधार नहीं है। केवल दानवे का अपने क्षेत्र में प्रभाव नजर आता है। वहीं जावड़ेकर और गोयल दोनों पीएम मोदी के कृपा से मंत्री हैं। इस स्थिति में पार्टी को राणे जैसे जनाधार वाले नेता की सख्त जरुरत है। इससे पार्टी को मुंबई के साथ ही महाराष्ट्र में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
कौन हैं डॉ. हिना गावित?
डॉ. हिना गावित पेशे से डॉक्टर हैं। वे संसद की सबसे क उम्र की सदस्या हैं। हीना राजनाथ सिंह और पीएम मोदी की उपस्थिति में 21 मार्च 2014 को दिल्ली में भाजपा में शामिल हुई थीं। वे नंदुरबार निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के लिए सांसद चुनी गई हैं। हीना नंदुरबार विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक डॉ. विजयकुमार गावित की बेटी हैं। विजयकुमार गावित पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता थे। हीना गावित की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने नंदुरबार से नौ बार सांसद रह चुके माणिकराव हेडलिया गावित को 1 लाख से भी ज्यादा मतों से मात दी थी। हालांकि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है और न दिल्ली बुलाया गया है।