विधानसभा में अपनी सीट गंवाने के बाद भी देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है। सरकार की पहली ही कैबिनेट बैठक में धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसा करने वाला यह देश का पहला प्रदेश है। इसके लिए उन्होंने कदम बढ़ाते हुए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का भी आदेश दे दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर कही ये बात
मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी ने यह धमाकेदार घोषणा की है। इस बारे में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है। धामी ने ट्विटर पर लिखा है, “चुनाव के समय भाजपा ने राज्य की देवतुल्य जनता के सामने हमने जो घोषणा पत्र रखा था, उस पर विश्वास जताते हुए आप सभी ने हमें प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने का अवसर दिया।” इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरी तत्परता के साथ घोषणा पत्र के संकल्पों को पूरा कर उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में कार्य करेगी।
आज पहली कैबिनेट बैठक के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @madankaushikbjp जी तथा संगठन महामंत्री श्री @ajaeybjp जी ने दृष्टि पत्र सौंपा। pic.twitter.com/t0qzBtQArH
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 24, 2022
बता दें कि दूसरी बार शपथ ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी। इससे पहले अपनी चुनावी रैलियों में भी वे इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं। अब अवसर मिलते ही उन्होंने इसे लागू करने की घोषणा कर दी है।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का अर्थ है, भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान का कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो। शादी, तलाक और संपत्ति के बंटवारे में भी यह कानून लागू होगा। पुष्कर सिंह धामी ने जिस यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता की बात कही है, उसे लेकर संदेह हो सकता है, लेकिन संविधान की बात करें तो अनुच्छेद-44 के तहत राज्य सरकारों को इसे लागू करने का पूरा अधिकार है।
अब तक सिर्फ हुईं बातें
ध्यान देने वाली बात है कि इसे लागू करने के बारे में बातें तो वर्षों से हो रही हैं लेकिन केंद्र की किसी भी सरकार ने इसे लागू करने की हिम्मत नहीं दिखाई। पहली बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है।