प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना सांसद भावना गवली को मनी लॉड्रिंग मामले में तीसरी नोटिस जारी कर अगले सप्ताह कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। नोटिस में पूछताछ के लिए दफ्तर में न आने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किये जाने की चेतावनी दी गयी है।
नोटिस में है क्या?
जानकारी के अनुसार ईडी ने मनी लॉड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए पहली बार उन्हें 4 अक्टूबर को नोटिस भेजा था। इस नोटिस का जवाब न देने पर ईडी 15 दिनों बाद दूसरा नोटिस भेजा। इस मामले में ईडी ने भावना गवली को तीसरा नोटिस जारी कर अगले सप्ताह किसी भी दिन दफ्तर में उपस्थित रहने को कहा है।
यह है मामला
-1992 में भावना गवली के पिता पुंडलिकराव गवली ने बालाजी पार्टिकल बोर्ड नामक फैक्ट्री मार्केटिंग डायरेक्टर के पास रजिस्टर कराया था। इसलिए राज्य सरकार की गारंटी पर राष्ट्रीय सहकारिता निगम ने बालाजी पार्टिकल बोर्ड को 43 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। साल 2000 तक फैक्ट्री सिर्फ एक नाम की थी। भावना गवली 2001 में इस कारखाने की अध्यक्ष बनीं। फिर 2002 में भावना गवली ने बालाजी पार्टिकल बोर्ड फैक्ट्री की 14 हेक्टेयर जमीन अवैध रूप से अपनी संस्था महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान को बेच दी। भावना गवली ने इस सौदे के लिए सरकार की अनुमति नहीं ली।
-हालांकि 2007 में राज्य सरकार ने बालाजी पार्टिकल बोर्ड को इस बिक्री की अनुमति दी। इसके बाद भावना गवली ने 2010 में बालाजी पार्टिकल बोर्ड भावना एग्रो प्राइवेट को बेच दिया। इसके लिए रिसोड अर्बन क्रेडिट कंपनी 10 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी के साथ सरकार की अनुमति के बिना बिक्री की प्रक्रिया पूरी की गई।
-सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सारदा ने इस तरह की बिक्री में 100 करोड़ रुपये मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाते हुए ईडी के पास शिकायत की थी। इसकी जांच करते हुए ईडी ने यहां कई ठिकानों पर छापा मारा था और भावना गवली की कंपनियों के प्रभारी सईद खान को को गिरफ्तार किया था, जो इस समय न्यायिक कस्टडी में है।